भारत में अब विदेशी कंपनियां निवेश करना शुरू कर दिया हैं। अब टेस्ला का मालिक एलन मस्क ने भारत में मैन्यफैक्चरिंग के जगह टीम भेजी है। भारत के महाराष्ट्र, गुजरात और तमिलनाडु में प्लांट ओपन हो सकते हैं। सरकार ने हाल ही में नई ईवी पॉलिसी को मंजुरी दी थी।
बिजनेस डेस्क. भारत में इलेक्ट्रिक व्हीकल बनाने वाली कंपनी टेस्ला भारत में 16 हजार से 25 हजार करोड़ का निवेश करने वाली है। इसके लिए एलन मस्क की कंपनी टेस्ला ने भारत में एक टीम भेजी है। वह टीम इलेक्ट्रिक व्हीकल मैन्युफैक्चरिंग प्लांट के लिए जगह की तलाश करेगी।
इन राज्यों में लगेगी फैक्ट्री
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इलेक्ट्रिक कार मैन्युफैक्चरिंग प्लांट के लिए टीम का ध्यान महाराष्ट्र, गुजरात और तमिलनाडु जैसे ऑटोमोटिव हब वाले राज्यों पर होगा। इसमें हरियाणा की नाम भी शामिल था लेकिन बाकी तीन राज्यों में बंदरगाह हैं। यहां से कारों का एक्सपोर्ट आसान होगा।
सरकार ने दी थी नई ईवी पॉलिसी को मंजूरी
बीते महीने 15 मार्च को सरकार ने नई ईवी पॉलिसी लेकर आई थी। इस पॉलिसी में कंपनियों को कम से कम 4150 करोड़ रुपए के इन्वेस्टमेंट और इससे ज्यादा की कोई लिमिट नहीं है। ईवी पॉलिसी के मुताबिक, विदेशी कार मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों को भारत में बिजनेस शुरू करने के तीन साल के अंदर देश में अपनी मैन्युफैक्चरिंग और ईवी का कमर्शियल प्रोडक्शन शुरू करना होगा।
भारत में बैटरी स्टोरेज फैक्ट्री लगाना चाहते हैं मस्क
टेस्ला के मालिक एलन मस्क भारत में इलेक्ट्रिक कार के साथ बैटरी स्टोरेज सिस्टम भी बनाना और बेचना चाहते है। इसके के लिए टेस्ला संबंधित अधिकारियों से बातचीत भी की है।
इससे पहले भी टेस्ला भारत में आने वाली थी
साल 2022 में भारत में निवेश के लिए इच्छा जाहिर की थी। लेकिन बात नहीं बन सकी थी। टेस्ला की मांग थी असेंबल होने वाली गाड़ियों पर इंपोर्ट ड्यूटी 100 से घटाकर 40% किया जाए। कंपनी चाहती थी कि उनके व्हीकल्स को लग्जरी नहीं इलेक्ट्रिक व्हीकल माना जाए। इसके अलावा कंपनी ने इंपोर्ट ड्यूटी में छूट की मांग की थी। ऐसे में सरकार ने कंपनी की मांग को स्वीकार नहीं किया और बात आगे नहीं बढ़ सकी।
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