
Vehicle Scrap Policy: भारत में वाहन को लेकर कई सारे नियम-कानून बनाए गए हैं, जिसमें एक ये भी है कि 15 साल के बाद आप अपनी गाड़ी का इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं। दरअसल, 15 साल के बाद वाहन की फिटनेस खत्म हो जाती है। कोई व्यक्ति यदि ऐसी भूल कर बैठता है और गाड़ी लेकर रोड पर निकल जाता है, तो चालान कट सकता है। अब कई लोगों के दिमाग में यह प्रश्न उठता है कि कार की 15 साल की उम्र पार कर चुकी है तो उसका क्या करें? इसे लेकर कई नियम हैं जिसके बारे में जानना जरूरी है। आपको इस कार से कमाई भी हो सकती है।
देश का कोई भी नागरिक अपनी 15 साल से अधिक आयु की गाड़ी लेकर नहीं चल सकता है, क्योंकि उसकी फिटनेस खत्म हो चुकी होती है। यहां गाड़ी चलाने के लिए फिटनेस प्रमाण पत्र का होना बेहद जरूरी है। हां, आपकी गाड़ी का कंडीशन अच्छा है और अभी भी चलने के लिए रेडी है, तो उसका फिटनेस बढ़वा सकते हैं। अगर आप ऐसा नहीं करना चाहते हैं, तो स्क्रैप पॉलिसी (Scrap Policy) का फायदा उठा सकते हैं।
अगर आपकी कार 15 साल से अधिक की हो गई है और आपको उसका रजिस्ट्रेशन रीन्यू करवाना है तो उसके लिए फीस देनी होगी। इसके अलावा आपकी ओल्ड कार का फिटनेस टेस्ट भी होगा। फिटनेस टेस्ट में आपकी गाड़ी फेल हो गई, तो फिर रजिस्ट्रेशन और फिटनेस रीन्यू नहीं होगा।
आमतौर पर पुरानी गाड़ी का फिटनेस 5 साल के लिए रीन्यू होता है। अगले 5 सालों तक आप अपनी गाड़ी को सही तरीके से चला सकते हैं तो उसका इस्तेमाल टैक्सी या कैब के रूप में कर सकते हैं। प्राइवेट गाड़ी को टैक्सी या कैब के तौर पर चलाना चाहते हैं, तो उससे पहले प्राइवेट को कमर्शियल के रूप में बदलवाना पड़ेगा। चलिए अब आपको स्क्रैपिंग पॉलिसी के बारे में जानकारी देते हैं।
स्क्रैपिंग पॉलिसी का मतलब होता है आप अपनी गाड़ी को कबाड़ बनाने के लिए सेल कर देते हैं। सरकार ने पूरे देश में स्क्रैपरो को इस काम के लिए प्रमाणित किया है। अगर आप अपनी 15 साल से अधिक पुरानी गाड़ी को स्क्रैप कराते हैं, तो ऑथराइज्ड स्क्रैपर से संपर्क करना पड़ेगा। आपको ऑथराइज्ड स्क्रैपर की डिटेल्स चेक करनी है, तो उसके लिए https://vscrap.parivahan.gov.in/vehiclescrap/vahan/rvsfdetails.xhtml पर जाएं। अब आपके मन में यह सवाल होगा कि आखिर इसके फायदे क्या होंगे? आइए उसके बारे में भी जानते हैं।
ये भी पढ़ें- अपनी गाड़ी का RC नए ऑनर के नाम पर ट्रांसफर कैसे करें? जानें स्टेप-बाय-स्टेप प्रोसेस