भारत में 7.9 लाख कारें अनसोल्ड, दिवाली पर कार कंपनियों की नींद उड़ी

इस दिवाली कार कंपनियों की उम्मीदों पर पानी फिर गया! रिकॉर्ड बिक्री की जगह लाखों गाड़ियां शोरूम में ही रह गईं। FADA की रिपोर्ट के अनुसार, बिक्री में भारी गिरावट देखी गई है, आखिर क्या है वजह?

नई दिल्ली. भारत में दिवाली सबसे महत्वपूर्ण त्योहार है. अंधेरे को दूर भगाने वाला, घर-घर में रोशनी फैलाने वाला यह त्योहार न सिर्फ हिंदू धर्म में बल्कि वैज्ञानिक रूप से भी बहुत महत्वपूर्ण है. इस पवित्र त्योहार को परिवार के साथ मनाया जाता है. नए कपड़े पहने जाते हैं. खासतौर पर नई गाड़ी की खरीदारी भी दिवाली के समय ही ज्यादा होती है. हर साल दिवाली के मौके पर गाड़ियों की बिक्री बहुत तेज़ होती है. इस दौरान रिकॉर्ड तोड़ बिक्री होती है और पिछले महीनों के नुकसान की भरपाई हो जाती है. लेकिन इस बार की दिवाली ने भारत की कार कंपनियों की चिंता बढ़ा दी है. क्योंकि इस दिवाली पर उम्मीद के मुताबिक कारों की बिक्री नहीं हुई है. यह कोई छोटा-मोटा आंकड़ा नहीं है, पूरे 7.90 लाख कारें बिना बिके ही रह गई हैं.

फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर एसोसिएशन (FADA) ने एक रिपोर्ट जारी की है. यह रिपोर्ट चौंकाने वाली है. 2024 के मई महीने से कारों की बिक्री में गिरावट देखने को मिल रही है. इस दिवाली पर बिक्री में रिकॉर्ड बनने की उम्मीद थी. इससे मई महीने से हो रही धीमी बिक्री की भरपाई दिवाली पर हो सकती थी, ऐसा अनुमान था. इसके लिए ऑटोमोबाइल कंपनियों ने ज्यादा कारों का उत्पादन किया था. लेकिन बिक्री हुई ही नहीं. अब 7.90 लाख कारें नहीं बिकी हैं, ऐसा FADA की रिपोर्ट बता रही है. साल-दर-साल के आंकड़ों के अनुसार, कारों की बिक्री में 18.18 प्रतिशत की गिरावट आई है.

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10 लाख रुपये से कम कीमत वाली कारों की बिक्री में भी भारी गिरावट आई है. इसने गहरा झटका दिया है. कोविड के बाद कारों की बिक्री में भारी गिरावट आई थी. उस दौरान 10 से 25 लाख रुपये की कारों की बिक्री से थोड़ी राहत मिली थी. लेकिन इस बार इस सेगमेंट की कारों की भी मांग नहीं है. कारों की बिक्री में इस गिरावट के कुछ कारण सामने आए हैं.

एक तरफ नौकरी और उद्योग में चिंता बढ़ रही है. वैश्विक आर्थिक मंदी, मध्य पूर्व समेत कुछ देशों में युद्ध के कारण हो रहे प्रभावों से नौकरियों में उथल-पुथल मची हुई है. कई लोग अपनी नौकरी खो रहे हैं या फिर भारी दबाव में काम कर रहे हैं. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस समेत तकनीक के विकास से नौकरियों का दायरा सीमित होता जा रहा है. उद्योग क्षेत्र की चुनौतियां विपरीत असर डाल रही हैं. 

इसके अलावा, मुख्य रूप से मौसम में आए बदलाव भी एक कारण हैं. भारी बारिश, भूस्खलन, बाढ़, गर्मी के मौसम में असहनीय गर्मी जैसी असामान्य मौसमी परिस्थितियों के कारण लोग कार खरीदने से हिचकिचा रहे हैं, ऐसी बातें सुनने को मिल रही हैं. इसके अलावा, जब नई-नई कारें लॉन्च होती हैं, तो पुराने मॉडल, पिछले साल लॉन्च हुई कारों की मांग कम हो जाती है, ऐसी रिपोर्ट्स हैं.

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