कार खरीदते-बेचते समय ये 5 बातें गांठ बांध लें, वरना मुश्किल में फंस सकते हैं

Published : Nov 12, 2025, 12:09 PM IST
Car Buying Tips

सार

Used Car Ownership Transfer Rules: दिल्ली ब्लास्ट केस में जिस कार का इस्तेमाल हुआ, वह कई बार खरीदी-बेची गई थी। अब जांच में उसका पहला मालिक और बाकी खरीदार भी रडार पर हैं। ऐसे मामलों से बचने के लिए कार खरीदते-बेचते वक्त कुछ बातों का ध्यान देना चाहिए।

Used Car Buy-Sell Safety Tips: दिल्ली में लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास 10 नवंबर को हुए धमाके में इस्तेमाल हुई कार कई बार खरीदी और बेची गई थी। अब इस मामले में कार का पहला मालिक और अन्य लोग भी जांच के घेरे में है। ऐसे में सवाल उठता है क्या आप जानते हैं, कार खरीदते या बेचते वक्त किन बातों का ध्यान रखना जरूरी है? अगर नहीं, तो ये आर्टिकल आपके लिए है। इसमें जानिए यूज्ड कार खरीदते-बेचते समय किन 5 बातों का ध्यान रखना चाहिए...

1. गाड़ी बेचते वक्त डॉक्युमेंट्स का ध्यान रखें

जब भी आप अपनी कार बेचें, तो सबसे पहले उसके सभी कागज़ सही तरह से ट्रांसफर करवाएं। मूल RC यानी रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट नए खरीदार को दें। दोनों पक्षों को परिवहन सेवा पोर्टल या आरटीओ दफ्तर में जाकर फॉर्म 29 और फॉर्म 30 भरने होते हैं। ये काम मोटर व्हीकल एक्ट, 1988 की धारा 50 के तहत जरूरी है। अगर आप ये नहीं करते और बाद में गाड़ी किसी गलत काम में पाई जाती है,तो रिकॉर्ड में नाम आपका रहेगा और जिम्मेदारी आपकी बन जाएगी!

2. गाड़ी बेचने के बाद ट्रांसफर तुरंत करें

बहुत लोग कार बेचने के बाद 'आरसी ट्रांसफर हो जाएगा' सोचकर भूल जाते हैं। लेकिन याद रखें कि वाहन ट्रांसफर 30 दिन के अंदर कराना जरूरी है। वरना गाड़ी का जुर्माना, चालान या एक्सीडेंट जैसी स्थितियों में पुराना मालिक ही फंस सकता है।

3. गाड़ी बेचने वाले को क्या करना चाहिए?

कोई भी पुरानी गाड़ी यानी यूज्ड वाहन बेचने के बाद आरटीओ को लिखित में सूचित करें कि गाड़ी अब आपके पास नहीं है। फॉर्म 29 और 30 की एक कॉपी अपने पास रखें। गाड़ी सौंपते समय एक सेल एग्रीमेंट या सेल रिसीट जरूर बनवाएं, जिसमें खरीदार का नाम, पता, आधार नंबर और तारीख साफ-साफ लिखी हो। ये कागजी सबूत आपको भविष्य में किसी भी परेशानी से बचा सकते हैं।

4. गाड़ी खरीदने वाले क्या करे?

अगर आप कार खरीद रहे हैं, तो सिर्फ कीमत पर ध्यान न दें। गाड़ी के आरसी, इंश्योरेंस और पॉल्यूशन सर्टिफिकेट भी चेक करें। आरटीओ के रिकॉर्ड में नाम ट्रांसफर करवाना न भूलें। अगर गाड़ी लोन पर थी, तो NOC (नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट) भी जरूर लें। ध्यान रखें गाड़ी आपके नाम तभी पूरी तरह होगी जब आरसी में आपका नाम अपडेट हो जाए।

5. धोखाधड़ी या लीगल केस से बचने का आसान तरीका

अक्सर देखा गया है कि पुरानी गाड़ियों से जुड़े अपराधों में मूल मालिक भी कानूनी झंझट में फंस जाता है, सिर्फ इसलिए कि उसने कागज पूरे नहीं किए थे। इसलिए जब भी गाड़ी बेचें या खरीदें पूरा पेपरवर्क करें, आरसी ट्रांसफर की रसीद संभाकर रखें और आरटीओ अपडेट का मैसेज या ईमेल सेव रखें।

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