क्या आप कार में स्क्रैच के लिए क्लेम करते हैं? जानें ये 4 नुकसान

कार पर छोटे-मोटे स्क्रैच के लिए इंश्योरेंस क्लेम लेना आपको महंगा पड़ सकता है। इससे आपको नो क्लेम बोनस (NCB) का नुकसान, प्रीमियम में बढ़ोतरी, और जीरो डेप्रिसिएशन पॉलिसी न मिलने जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।

कार में जरा सा भी स्क्रैच लग जाए तो कुछ लोग बिना कुछ सोचे-समझे कार इंश्योरेंस क्लेम कर देते हैं. मान लीजिए आपने अपने वाहन का कार इंश्योरेंस करवा रखा है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि छोटे-मोटे स्क्रैच के लिए अगर आप क्लेम लेते हैं, तो आपको कई तरह के नुकसान हो सकते हैं? आप सोच रहे होंगे कि आखिर कार इंश्योरेंस क्लेम करने से क्या नुकसान हो सकता है. अगर आप अपनी कार में एक या दो छोटे-मोटे स्क्रैच लगने पर ही इंश्योरेंस क्लेम करने लगते हैं, तो यह आपके लिए चार बड़े नुकसान का कारण बन सकता है, जिसे समझना बहुत जरूरी है. आइए जानते हैं कार में छोटे-मोटे स्क्रैच के लिए क्लेम लेने के क्या-क्या नुकसान हो सकते हैं.

एनसीबी का नुकसान
छोटे-मोटे स्क्रैच के लिए इंश्योरेंस क्लेम लेने का सबसे पहला नुकसान यह है कि आपको क्लेम लेने वाले साल एनसीबी यानी नो क्लेम बोनस नहीं मिलेगा. नो क्लेम बोनस एक बहुत ही फायदेमंद चीज होती है. अगर आपको नो क्लेम बोनस नहीं मिलता है तो आपको कई तरह के नुकसान हो सकते हैं.

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प्रीमियम बढ़ेगा
क्लेम बोनस नहीं मिलने के कारण, अगले साल जब आप कार इंश्योरेंस रिन्यू करवाएंगे तो आपकी प्रीमियम राशि बढ़ जाएगी. प्रीमियम बढ़ने का कारण यही होता है कि आपके पास क्लेम बोनस नहीं होता है. नो क्लेम बोनस का फायदा यह होता है कि यह आपके प्रीमियम को कम करने में मदद करता है. 

जीरो डेप्रिसिएशन पॉलिसी नहीं मिलेगी
कार नई हो या पुरानी, इंश्योरेंस कंपनियां आमतौर पर पांच साल के लिए ही जीरो डेप्रिसिएशन पॉलिसी का ऑफर देती हैं. हालांकि कुछ ही कंपनियां ऐसी होती हैं जो आपको पांच से सात साल तक भी जीरो डेप्रिसिएशन पॉलिसी खरीदने की अनुमति देती हैं. लेकिन आपको जीरो डेप्रिसिएशन पॉलिसी खरीदने की अनुमति देने वाली ये कंपनियां इसके लिए बस एक ही शर्त रखती हैं और वह शर्त यह होती है कि कार ड्राइवर के पास एनसीबी यानी नो क्लेम बोनस होना चाहिए. नो क्लेम बोनस इस बात का संकेत होता है कि आप सही तरीके से कार चलाते हैं और कंपनी से क्लेम नहीं लेते हैं.

जीरो डेप्रिसिएशन पॉलिसी नहीं होने पर
जीरो डेप्रिसिएशन एक तरह का एड-ऑन कवर होता है. इसके तहत इंश्योरेंस कंपनी इंश्योर्ड कार के मूल्य में गिरावट की भरपाई नहीं करती है. संबंधित कार को आकस्मिक नुकसान होने पर, एक जीरो डेप्रिसिएशन पॉलिसी धारक मरम्मत या कार के पुर्जों को बदलने के लिए पूरी लागत का दावा कर सकता है. क्षतिग्रस्त भागों के मूल्यह्रास को दावा राशि से नहीं घटाया जाएगा. इस प्रकार, यह आपको एक बड़ी राशि बचाने में मदद करता है.

यानी अगर कार के दोनों दरवाजों पर स्क्रैच हैं, तो डेंटिंग और पेंटिंग की बजाय अगर आप दरवाजा ही रिप्लेस करवाते हैं तो ऐसे में क्या आपको पूरी रकम मिल पाएगी? वाहन बीमा क्षेत्र से जुड़े लोगों का कहना है कि अगर किसी कार ड्राइवर के पास जीरो डेप्रिसिएशन का लाभ नहीं है तो ऐसे में उसे अपनी जेब से 50 फीसदी तक का चूना लग सकता है. क्लेम के समय 50 फीसदी तक की रकम आपको अपनी जेब से देनी पड़ सकती है. साथ ही फाइल चार्ज भी अलग से देना होगा.

सावधानी
याद रखें, बीमा छोटे, प्रबंधनीय खर्चों के बजाय महत्वपूर्ण, बोझिल खर्चों को कवर करने के लिए है. अपनी कार बीमा पॉलिसी पर स्क्रैच के दावों के सभी पहलुओं पर सावधानीपूर्वक विचार करें और एक सूचित निर्णय लें. 

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