लैंबॉर्गिनी ठीक है, अच्छी है। लेकिन वाह जैसी फील नहीं आती। पोर्श अच्छी गाड़ी है। लेकिन उसके दरवाजे आम कारों की तरह खुलते हैं। इसलिए तुम मैक्लारेन ले लो। उसके दरवाजे ऊपर खुलते हैं, दादी ने अपने पोते से कहा। ऐसी बातें कई लोग रोज़ सुनते हैं। नामुमकिन बातों को मज़ाक में कह देते हैं। लेकिन यहाँ दादी ने एक सलाह दी। बस, पोता सीरियस हो गया। दादी की सलाह के अगले ही दिन पूरे 12 करोड़ रुपये देकर नई स्पेशल एडिशन मैक्लारेन खरीद ली। इस पोते ने मैक्लारेन 765LT खरीदने वाले सबसे कम उम्र के भारतीय होने का रिकॉर्ड बनाया।
इस पोते का नाम है आनंद। बिज़नेस फैमिली का लड़का। आनंद भी बिज़नेस में ही है। दुबई में उनका बिज़नेस चलता है। 5 महीने पहले आनंद ने लैंबॉर्गिनी उरुस खरीदी थी। इस कार में पोता और दोनों दादियाँ सफ़र कर रहे थे। तब पोते ने कहा कि अगली कार पोर्श लेगा। इस पर दोनों दादियों ने अपनी राय दी।
एक दादी ने कहा कि पोर्श अच्छी है, लेकिन सबके पास पोर्श है। अब पोर्श आम हो गई है। दूसरी दादी ने कहा कि पोर्श अच्छी गाड़ी है, लेकिन उसके दरवाजे ऊपर नहीं खुलते। इसलिए तुम अगर लोगे तो मैक्लारेन ले लो। पोते ने फिर दादी से पूछा कि आपने कौन सी कार बताई। दादी ने बिना झिझक मैक्लारेन कहा।
दादी की बात को सीरियसली लेते हुए आनंद ने नई मैक्लारेन 765LT स्पेशल एडिशन खरीद ली। भारत में इसकी कीमत 12 करोड़ रुपये है। अब आनंद मैक्लारेन 765LT खरीदने वाले सबसे कम उम्र के शख्स बन गए हैं। इतना ही नहीं, भारत में मैक्लारेन 765LT खरीदने वाले वो तीसरे शख्स हैं। आनंद केरल के रहने वाले हैं। इसलिए मैक्लारेन 765LT खरीदने वाले पहले केरलवासी भी बन गए हैं। आनंद ने ये कार दुबई में खरीदी है। अब वो इसे भारत लाने वाले हैं।
मैक्लारेन 765LT के तीन मालिकों में से एक आनंद हैं। इससे पहले ये महंगी कार खरीदने वाले दो लोगों में से एक बेंगलुरु के हैं। बेंगलुरु के बिज़नेसमैन रंजीत संदरमूर्ति के पास ये कार है। रंजीत ने दुबई में कार खरीदी और फिर भारी टैक्स देकर भारत लाये। तीसरे मालिक हैदराबाद के बिज़नेसमैन नसीर खान हैं।
इसमें 4.0 लीटर ट्विन टर्बोचार्ज्ड V8 पेट्रोल इंजन है। पावरफुल इंजन 765PS पावर और 800Nm पीक टॉर्क जनरेट करता है। इसमें 7 स्पीड ट्रांसमिशन है।