
Tyre Safety Tips in Rainy Season: मानसून का सीजन वाहन चालकों के लिए सिरदर्द से कम नहीं होता है। बारिश के मौसम में सड़कों पर पानी भर जाता है, जिससे ड्राइव करना आसान नहीं होता। इस मौसम में गाड़ी की टायर का विशेष ध्यान रखना पड़ता है। खराब टायर पंचर और फिसलने का खतरा बढ़ा देता है। गर्मी से आराम देने वाला मानसून सड़कों में नमी भर देता है, जिसमें वाहन के स्किडिंग होने के चांसेज बढ़ते हैं। ऐसी स्थिति में टायर की देखभाल करना बेहद जरूरी है। मानसून में चालकों के लिए रोड पर चलना कठिन रहता है। ऐसे में चलिए आज हम बताते हैं कि मानसून में गाड़ी चलाते समय कैसे सेफ रह सकते हैं।
बारिश के मौसम में अक्सर रोड एक्सीडेंट की संभावना बढ़ जाती है। इसके पीछे गाड़ी का टायर का भी बड़ा रोल होता है। कम या अधिक एयर वाले टायरों को खराब हैंडलिंग और आसमान घिसाई हो सकती है। ऐसे में समय-समय पर अपने टायरों की जांच करते रहें। टायर प्रेशर पर विशेष नजर रखें। कंपनी द्वारा दिए गए इंस्ट्रक्शन के अनुसार ही उसपर काम करें।
मानसून के मौसम में रोड पर गाड़ी लेकर निकलने से पहले एक बार टायर ट्रेड की गहराई जरूर जांच लें। घिसा हुआ ट्रेड जब गीली सतह पर जाती है, तो पकड़ को कमजोर कर देती है। इस स्थिति में हाइड्रोप्लानिंग का खतरा बढ़ जाता है। ट्रेड का काम गहराई को न्यूनतम ट्रेड वियर इंडिकेटर (TWI) स्तर को मेंटेन रखता है।
बारिश के मौसम में ज्यादातर टायरों में परेशानी हो जाती है। इससे पहले की कोई अनहोनी हो, टायरों को हर 5 हजार और 8 हजार किमी पर बदलें। ऐसा करने से समान घिसाई सही होती है। इसके अलावा टायर की लाइफ भी बढ़ जाती है। खासकर मानसून में होने वाले खतरे कम हो जाते हैं।
गाड़ी के व्हील्स की जांच करना समय-समय पर बेहद जरूरी हो जाता है। कई बार असंतुलित व्हील्स के चलते असमान टायर घिसाई और खराब हैंडलिंग हो सकती है। गीली सड़कों पर यह ज्यादातर देखने को मिलता है। ऐसे में पहियों का सही एलाइनमेंट सुनिश्चित कर लें। अच्छी बैलेंसिंग होने पर टायरों की कंपन कम होती है और ड्राइविंग स्मूद रहता है।
अपनी गाड़ी में हमेशा अच्छी क्वालिटी के टायर लगवाएं। गुड क्वालिटी टायर गीली सड़कों पर भी कम स्किड होती है। गीली सड़कों के लिए बनी टायरों का इस्तेमाल करें। यह हैंडलिंग पर अच्छी तरह पकड़ बनाता है। ऐसा करने से ड्राइविंग भी आसान होता है।