भारत बनेगा Semiconductor chip प्रोडक्शन हब, 12 से अधिक कंपनियां लगायेगी फैक्ट्री, सरकार करेगी पूरी मदद

Information and Technology Minister Ashwini Vaishnav ने कहा है कि  देश में तकरीबन 12 कंपनियां सेमीकंडक्टर चिप प्रोडक्शन के लिए स्थानीय स्तर पर कारखाने लगाना शुरू कर देंगे और अगले दो से तीन वर्षों में इसका उत्पादन शुरू हो जायेगा। 

ऑटो डेस्क, Chip production will start in India in 2 to 3 years : सूचना और प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव (Information and Technology Minister Ashwini Vaishnav) ने कहा है कि देश में एक दर्जन सेमीकंडक्टर कारखाने लगने जा रहे हैं। दो से तीन वर्षों में  ये कंपनियां चिप का प्रोडक्शन भी शुरु कर देंगी। बता दें कि  सरकार ने बीते हफ्ते देश में सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले बोर्ड उत्पादन के लिए 76 हजार करोड़ की प्रोत्साहन राशि का ऐलान करते हुए एक उत्पादन लिंक्ड प्रोत्साहन (PLI) योजना को मंजूरी दी है। इसके बाद केंद्रीय मंत्री ने ये जानकारी एक साक्षात्कार (Interview) के दौरान दी है। 

केंद्र सरकार बनायेगी माहौल
केंद्र सरकार से चिप निर्माण उद्योग ( chip manufacturing industry ) के लिए एक entire ecosystem डेव्लप करने की योजना पर काम शुरु करेगा। सरकार जनवरी 2022 से प्रोत्साहन योजनाओं के तहत कंपनियों से मसौदा लेना शुरू कर देगी। वैष्णव एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा, "प्रतिक्रिया बहुत अच्छी रही है। भारतीय कंपनियों के साथ बातचीत चल रही है। कई कंपनियां भारत में अपने प्लांट लगाने के लिए सीधे आना चाहते हैं।" इससे उम्समीद की जा रही है कि देश में जल्द से जल्द चिप निर्माण का कार्य शुरु हो जायेगा। 

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76,000 करोड़ रुपये की पीएलआई स्कीम को दी है मंजूरी 
केंद्र सरकार की पीएलआई स्कीम के 2026 तक देश में सेमीकंडक्टर प्रोडक्शन में 76,000 करोड़ रुपये के इंवेस्टमेंट की प्लानिंग की गई है।  सरकार ने पहले ही योजना को नोटिफाई कर दिया है, उसे उम्मीद है कि अगले कुछ महीनों के भीतर कंपाउंड सेमीकंडक्टर यूनिट्स, और डिजाइन और पैकेजिंग कंपनियों को स्वीकृति भी मिल जाएगी। मंत्री वैष्णव ने कहा, "अगले 2-3 वर्षों में, हम देख रहे हैं कि कम से कम 10-12 सेमिकंडक्टर का उत्पादन शुरू हो जाएंगे।" उन्होंने कहा कि कम से कम 50-60 डिजाइनिंग कंपनियों ने समय सीमा में प्रोडक्ट को डिजाइन करना शुरू कर दिया होगा।

ऑटो इंडस्ट्री को भारी नुकसान
चिप की कमी की वजह से (Chip shortage) से भारत भी बुरी तरह प्रभावित हुआ है।  देश में इस चिप का प्रोडक्शन नहीं होता है। ऑटो इंडस्ट्री के अनुमान के मुताबिक 2021 में कार कंपनियों की बिक्री में 5 अरब डॉलर की कमी आई जो उनके कुल उत्पादन का 20 फीसदी है। ग्लोबल ऑटोमोटिव फोरकास्टिंग फर्म IHS Market के Associate Director गौरव वंगाल (Gaurav Vangaal) ने कहा कि 2021 में सेमीकंडक्टर की कमी के कारण भारत को करीब 5 लाख लाइट Vehicles का नुकसान हुआ है। इस कमी की  वजह से बीते 6 महीने में रेनॉ इंडिया (Renault India) की 25,000 से 30,000 यूनिट का कम प्रोडक्शन है, ये उनके Monthly Production का 30 फीसदी है, प्रमुख कार निर्माता कंपनियां मारुति, हुंदई और महिंद्रा अपने ग्राहकों को समय पर डिलिवरी नहीं दे पा रही हैं। इस समय देश में पांच लाख से अधिक कारों की Delivery रुकी हुई है। देश की सबसे अधिक व्हीकल बेचने वाली मारुति कंपनी के पास  2.15 लाख से अधिक की डिलीवरी पेंडिंग हैं । वहीं हुंदई के पास भी एक लाख से अधिक कारों की बुकिंग रुकी हुई  है। 

इलेक्ट्रानिक आयटम्स बनाने वाली कंपनियां भी हुईं प्रभावित
देश में ग्लोबल चिप की सप्लाई रुकने से 150 से अधिक इंडस्ट्री बुरी तरह प्रभावित हुई हैं। साल 2022 में भी ये समस्या जस की तस बन रही सकती है।  चिप संकट से अमेरिका जैसा देश भी प्रभावित हुआ है। बता दें कि इलेक्ट्रानिक उपकरणों में सेमीकंडक्टर्स की जरुरत होती है।  स्मार्टफोन्स, डेटा सेंटर्स, गेम कंसोल, कम्प्यूटर्स, लैपटॉप, टैबलेट, स्मार्ट डिवाइस, ऑटो सेक्टर, हाउसहोल्ड अप्लायंसेज, लाइफ सेविंग फार्मास्यूटिकल डेवाइसेज, एग्री टेक, एटीएम और कई तरह के प्रोडक्टस में इसका इस्तेमाल होता है। कार कॉम्पोनेंट्स, जैसे- डिजिटल स्पीडोमीटर, इंफोटेनमेंट सिस्टम्स, इंजिनों का कंप्यूटराइज्ड मैनेजमेंट और ड्राइवर असिस्टेंस सिस्टम में चिप्स का इस्तेमाल होता है। 

संसद में भी उठा था मुद्दा 
ये मुद्दा दिसंबर महीने की शुरुआत में संसद में भी उठा था। प्रश्नकाल के दौरान ही बीजेपी सांसद जे अल्फोंस ने सेमीकंडक्टर से जुड़ी समस्या को उठाया था। इस पर मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि बीते 10 सालों में इलेक्ट्रॉनिक विनिर्माण उद्योग (Electronics manufacturing industry) में प्रोगेस हुई है । इसमें  75 अरब डॉलर का निवेश हुआ है। इस क्षेत्र में हर साल 25-26 प्रतिशत की दर से ग्रोथ हो रही है ।  अगले पांच साल में यह 250 अरब डॉलर तक हो जाएगा। वहीं अब सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर (SIAM) ने भी इस मामले में नए आंकड़े जारी किए हैं। नंबवर महीने यात्री वाहनों (पीवी) की थोक बिक्री 2,15,626 यूनिट्स थी, जो नवंबर 2020 की 2,64,898 यूनिट्स से 19 प्रतिशत कम है।

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