Mahindra ने मानी हार, लगातार घाटे में रहने के बाद बेच दी SsangYong Motor कंपनी, देखें डील की राशि

भारत की महिंद्रा एंड महिंद्रा के पास इसके सर्वाधिक शेयर थे। भारतीय दिग्गज कंपनी SsangTong Motor के लिए एक नया खरीदार खोजने रही थी, हालांकि तय समय सीमा में नया ऑनर नहीं तलाश पाने की वजह से कंपनी कई महीनों से अदालती रिसीवरशिप के अधीन थी।

Asianet News Hindi | Published : Jan 10, 2022 3:09 PM IST

ऑटो एंड बिजनेस डेस्क। महिंद्रा एंड महिंद्रा के सर्वाधिक शेयर वाली दक्षिण कोरिया की SsangYong Motor कंपनी का अधिग्रहण कर लिया गया है। सैंगयोंग मोटर ने सोमवार को उद्योग मीडिया को जानकारी देते हुए कहा कि एक local union ने 305 बिलियन वोन ( लगभग 254.56 मिलियन डॉलर) में कंपनी का अधिग्रहिण  कर लिया है।  भारत की महिंद्रा एंड महिंद्रा के पास इसके सर्वाधिक शेयर थे। भारतीय दिग्गज कंपनी SsangTong Motor के लिए एक नया खरीदार खोजने रही थी, हालांकि तय समय सीमा में नया ऑनर नहीं तलाश पाने की वजह से कंपनी कई महीनों से अदालती रिसीवरशिप के अधीन थी।

 2010 में महिंद्रा ने खरीदी थी हिस्सेदारी
SsangYong Motor के लिए बीता एक दशक बेहद खऱाब गुजरा है। कंपनी  कई सालों से लगतार नुकसान झेल  रही थी। वहीं महिंद्रा एंड महिंद्रा ने साल 2010 में साउथ कोरियाई की इस कंपनी के अधिकतम शेयर खरीदकर इसका नियंत्रण अपने हाथों में ले लिया था। कंपनी को उम्मीद थी कि वह इस एसयूवी बॉडी टाइप के निर्माण से एक बार फिर बाजार में स्थिति मजबूत करेगी, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया।  
408 करोड़ रुपये का लोन 
कोरोना संकट के बीच महिंद्रा ने अप्रैल 2020 में इसमें और अधिक इंवेस्टमेंट नहीं करने का फैसला किया था। वहीं कंपनी ने इसके खरीदार की तलाश जोरशोर से  शुरू कर दी थी। वहीं कोरियाई कंपनी सांगयांग मोटर ने जानकारी दी थी कि कंपनी पर तकरीबन 408 करोड़ रुपये का लोन हो गया था, जिसे चुकाने की स्थिति में वह नहीं थी। लोन नहीं चुका पाने की वजह से उसने कंपनी के दिवालिया होने का भी ऐलान किया था। 

लगातार घाटे में जा रही थी कंपनी 
सैंगयोंग मोटर के लिए कोरोना महामारी के वर्ष बहुत मु्श्किल भरे रहे हैं। कंपनी को कोविड-19 महामारी ने एक बड़ा  झटका दिया है। रॉयटर्स ने ऑटोमेकर से एक नियामक फाइलिंग का हवाला देते हुए बताया कि 2021 में वाहन की बिक्री 84,000 से थोड़ी अधिक हो गई थी, जो पिछले वर्ष की तुलना में 21% कम थी। 2021 के जनवरी और सितंबर के बीच, ऑटो कंपनी को 1.8 ट्रिलियन वोन के राजस्व से 238 बिलियन वोन का परिचालन घाटा हुआ था।

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