2022 Toyota Land Cruiser चुनिंदा वैश्विक बाजारों में लॉन्च के लिए तैयार है । नई टोयोटा लैंड क्रूजर ने ऑस्ट्रेलेशियन न्यू कार असेसमेंट प्रोग्राम (ANCAP) क्रैश टेस्ट में पूरे पांच अंक हासिल किए। इसकी सभी सीटों पर कई एयरबैग, ऑटोनॉमस इमरजेंसी ब्रेकिंग जैसे आधुनिक सेफ्टी फीचर्स दिए गए हैं।
ऑटो डेस्क, Toyota Land Cruiser scores top marks in crash tests : ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड की बाजारों में उपलब्ध कराया जा रहा Toyota Land Cruiser मॉडल ने सेफ्टी के लिहाज से 5 स्टार रेटिंग हासिल की है। नई टोयोटा लैंड क्रूजर ने ऑस्ट्रेलेशियन न्यू कार असेसमेंट प्रोग्राम (ANCAP) क्रैश टेस्ट में पूरे पांच अंक हासिल किए। ये एसयूवी सभी सीटों पर कई एयरबैग, ऑटोनॉमस इमरजेंसी ब्रेकिंग, लेन कीप असिस्ट, लेन डिपार्चर वार्निंग और अडैप्टिव क्रूज़ कंट्रोल जैसे आधुनिक सेफ्टी फीचर्स के साथ आता है।
क्रेश टेस्ट का वीडियो किया जारी
एसयूवी ने साइकिल चालकों और रोड पर पैदल चलने वालों की सेफिटी के लिए भी शानदारी रेटिंग हासिल की है। इसके लिए इस कार ने 81 प्रतिशत अंक स्कोर किया है। 2022 Toyota Land Cruiser ने कुल मिलाकर 77 प्रतिशत अंक हासिल किए हैं।
पेट्रोल-डीजल इंजन में होगी उपलब्ध
इस SUV में एक ट्विन-टर्बो 3.5-लीटर V6 इंजन दिया गया है, जोकि 409 बीएचपी की पावर और 650 न्यूटन मीटर का टार्क जनरेट करता है। इसके अलावा नई Toyota Land Cruiser को 3.3-लीटर ट्विन-टर्बो V6 डीजल इंजन का भी ऑप्शन दिया गया है। यह डीजल इंजन 304.5 बीएचपी की अधिकतम पावर और 700 न्यूटन मीटर का अधिकतम टॉर्क जनरेट करता है। दोनों इंजन 10-स्पीड ऑटोमैटिक ट्रांसमिशन यूनिट के साथ आते हैं।
सभी आधिनक फीचर्स मिलेंगे
नई 2022 Toyota Land Cruiser में 12.3 इंच की टचस्क्रीन फ्लोटिंग इंफोटेनमेंट सिस्टम, कनेक्टेड कार टेक्नोलॉजी, हीटेड और वेंटिलेटेड सीट्स, डिजिटल इंस्ट्रूमेंट क्लस्टर, वायरलेस चार्जिंग, एडेप्टिव क्रूज कंट्रोल जैसे फीचर्स दिए गए हैं।साल 2021 में वैश्विक तौर पर पेश की गई लेटेस्ट Toyota Land Cruiser की सेल आने वाले महीनों में ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका (Australasia ans US) जैसे प्रमुख बाजारों में शुरू होने जा रही है।
चार साल का वेटिंग पीरियड
नई Toyota Land Cruiser की डिलीवरी के लिए साल दो साल नहीं बल्कि ग्राहकों को 4 साल का वेटिंग पीरियड दिया जा रहा है। इस एसयूवी को वैश्विक बाजार में लॉन्च जरुर किया गया है, जहां इसकी भारी डिमांड है, लेकिन इसकी सप्लाई नहीं हो पा रही है। सेमीकंडक्टर की कमी को प्रोडक्शन में कमी के लिए जिम्मेदार बताया गया है।