भारत में सरकार ने इलेक्ट्रिक व्हीकल (E-Vehicle) को बढ़ावा देने के लिए रजिस्ट्रेशन फीस माफ करने जैसी कई योजनाएं चलाई हैं। लेकिन, ई-व्हीकल्स के लिए चार्जिंग स्टेशन (Charging Stations) का काम बहुत धीमा चल रहा है। भारत में 8.70 लाख ई व्हीकल बिक चुके हैं, लेकिन सार्वजनिक चार्जिंग पॉइंट के मामले में हम काफी पीछे हैं। पूरे देश में इनकी संख्या महज 934 है।
नई दिल्ली। ग्लोबल वार्मिंग, प्रदूषण और फ्यूल के बढ़ते दामों को देखते हुए दुनियाभर में ईंधन में बदलाव हो रहा है। इलेक्ट्रिक वाहनों का बाजार तेजी से बढ़ रहा है। भारत में सरकार ने इलेक्ट्रिक व्हीकल को बढ़ावा देने के लिए रजिस्ट्रेशन फीस माफ करने जैसी कई योजनाएं चलाई हैं। 2021 में ई व्हीकल्स की बिक्री भी बढ़ी, लेकिन इनके लिए चार्जिंग स्टेशन का काम बहुत धीमा है। स्मार्ट सिटीज में चार्जिंग स्टेशन्स की व्यवस्था की गई है, लेकिन अभी ज्यादातर जगह ये चालू नहीं हैं। चार्जिंग पॉइंट्स को देखें तो सिर्फ भारत नहीं, कई देश हैं, जो यह सुविधा देने में काफी पीछे हैं। काउंसिल ऑन एनर्जी, एनवायरनमेंट एंड वॉटर (CEEW) के 2021 के आंकड़ों को देखें तो देश में इस समय कुल 934 सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशन बनाए हैं। इनमें भी कुल 167 चार्जिंग स्टेशन तेजी से चार्ज करने वाले हैं, जो कि कुल स्टेशनों का 29. 2 फीसदी है। बता दें कि देश में दिसंबर 2021 तक 8.70 लाख ई व्हीकल्स रजिस्टर हो चुके हैं। हालांकि, इनमें कारों की संख्या अभी भी बहुत कम है।
दक्षिण कोरिया में दो EV पर एक चार्जिंग स्टेशन
वहीं, इंटरनेशनल एनर्जी डेटा के मुताबिक न्यूजीलैंड जैसे देश में हर 52 ई व्हीकल के लिए एक चार्जिंग पॉइंट है। दक्षिण कोरिया जैसे देश में चार्जिंग स्टेशन पर पार्किंग की बड़ी समस्या है। हालांकि, इस देश में हर दो इलेक्ट्रिक वाहन के लिए एक सार्वजनिक चार्जर है। अमेरिका जैसे देश में इलेक्ट्रिक कारों संख्या अधिक है, लेकिन यहां चार्जिंग स्टेशनों की कमी है। यहां 18 कारों पर एक सार्वजनिक चार्जंग स्टेशन है। चार्जिंग की समस्या दूर करने के लिए स्वीडन ने दुनिया की पहली इलेक्ट्रिफाइड रोड बनकर तैयार की है। इस रोड पर गुजरते समय कारों और ट्रकों की बैटरी चार्ज हो जाती है। सड़क पर चलते हुए चार्जिंग के लिए वाहन में एक मूवेबल आर्म लगवाना जरूरी है। यह आर्म सड़क में लगी पटरी से कनेक्ट होकर गुजरने वाले वाहन की बैटरी चार्ज कर देता है।
दो साल में 10 हजार चार्जिंग स्टेशन बनाने का लक्ष्य
इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग की इंफ्रास्ट्रक्चर सुविधा उपलब्ध कराने वाली कंपनी ईवीआरई (EVRE) ने अगले दो साल में देश भर में 10,000 चार्जिंग स्टेशन लगाने का टारगेट रखा है। उसने इसके लिए स्मार्ट पार्किंग सॉल्यूशन ब्रांड पार्क प्लस (Park+) के साथ करार किया है। इस लॉन्ग टर्म पार्टनरशिप में ट्रांसपोर्ट व्हीकल्स और अन्य वाहनों के लिए स्मार्ट चार्जिंग और पार्किंग सेंटर बनाना है। स्मार्ट सिटीज भी अपने पोल्स में ई व्हीकल चार्जिंग की व्यवस्था कर रहे हैं।
एक साल में 3 गुना बढ़ी ई व्हीकल की बिक्री
वर्तमान में भारत में (दिसंबर 2021 तक) 8,70,141 ई व्हीकल्स हैं, लेकिन इनमें कारों की संख्या अभी भी काफी कम है। ज्यादातर टू व्हीलर या ई रिक्शा हैं। 2021 में ई व्हीकल्स की संख्या में तीन गुना वृद्धि हुई है। ऐसे में विशेषज्ञों का कहना है कि 2025 तक भारत ई व्हीकल्स के मामले में जापान को पीछे छोड़कर दुनिया का तीसरा बड़ा बाजार बन जाएगा। गोल्डमैन सैक्स के मुताबिक, तब तक भारत में करीब 74 लाख इलेक्ट्रिक गाड़ियां होंगी।
देश के किस राज्य में कितने चार्जिंग स्टेशन
दिल्ली | 72 |
आंध्र प्रदेश | 433 |
तेलंगाना | 160 |
कर्नाटक | 125 |
महाराष्ट्र | 78 |
2020 में इन देशों में इलेक्ट्रिक कारों की बिक्री कितने प्रतिशत बढ़ी
1. नॉर्वे (74.8%)
2. स्वीडन (32.2%)
3. नीदरलैंड (24.9%)
4. फिनलैंड (18.1%)
5. डेनमार्क (16.4%)
6. स्विटजरलैंड (14.3%)
7. पुर्तगाल (13.5%)
8. जर्मनी (13.5%)
9. भारत (11.4%)
10. फ्रांस (11.3%)
11. बेल्जियम (10.7%)
12. ब्रिटेन (10.7%)
13. ऑस्ट्रिया (9.5%)
14. आयरलैंड (7.4%)
15. चीन (6.2%)
16. अमेरिका (2.3%)
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