यात्री, स्कूल बसों में फायर अलार्म, Fire protection सिस्टम अनिवार्य : MoRTH, गलत लेन में चले तो भारी जुर्माना

स्कूल और यात्री बसों को water mist-based active fire protection और एक स्टैंडअलोन फायर अलार्म सिस्टम  से लैस करना होगा। यह उन बसों पर लागू होगा जिन्हें 50 डिग्री सेंटीग्रेड के तापमान का मैनेज करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।

Rupesh Sahu | Published : Mar 29, 2022 11:29 AM IST / Updated: Mar 29 2022, 05:31 PM IST

ऑटो डेस्क। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) ने सभी यात्री और स्कूल बसों में फायर अलार्म सिस्टम और अग्नि सुरक्षा प्रणाली (fire alarm system and fire protection system) से लैस करना अनिवार्य किया है। मंत्रालय ने एक नोटिफिकेशन जारी किया है, जिसमें कहा गया है कि ऑटोमोटिव उद्योग मानक (Automotive Industry Standard ) में संशोधन के माध्यम से लंबी दूरी के यात्री परिवहन और स्कूल बसों के लिए फायर अलार्म और इससे जुड़ी सेफ्टी फीचर्स को अनिवार्य कर दिया गया है।

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दो सुविधाओं से लैस करना होगा बस
स्कूल बसों और यात्री बसों को पानी की धुंध बेस्ड एक्टिव अग्नि सुरक्षा प्रणाली (water mist-based active fire protection) और एक स्टैंडअलोन फायर अलार्म सिस्टम (standalone fire alarm system) से लैस करना होगा। यह उन बसों पर लागू होगा जिन्हें 50 डिग्री सेंटीग्रेड के तापमान का प्रबंधन करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।

धुएं निकलने के लिए हो स्थान
नए नोटिफिकेशन में कहा गया है कि आग की घटनाओं से ये संकेत मिलता है कि यात्रियों को चोटें और मौत मुख्य रूप से यात्री बस में गर्मी और धुएं भरने के कारण होती हैं। नोटिफिकेशन  में यह भी कहा गया है कि अगर आग की घटनाओं के दौरान थर्मल प्रबंधन( thermal management) द्वारा  धुएं की अतिरिक्त निकासी का इंतजाम किया जाता है तो आगजनी से होनी वाली मौतों को कम किया जा सकता है। 

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एक्सपर्ट ओपिनियन
मंत्रालय ने कहा कि ऑटोमोटिव उद्योग मानक में यह संशोधन अग्नि जोखिम मूल्यांकन (fire risk assessment), अग्नि शमन प्रौद्योगिकियों (fire suppression technologies) के क्षेत्र में काम करने वाली डीआरडीओ सेंटर, सेंटर फॉर फायर एक्सप्लोसिव एंड एनवायरनमेंट सेफ्टी (Fire Explosive and Environment Safety) के एक्सपर्ट के परामर्श से किया गया है। 

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दिल्ली में होगी सख्ती 
इस बीच, दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने मंगलवार को निजी बसों, मालवाहकों के लिए सख्त लेन नियमों को लागू करने की घोषणा की। यह नियम 1 अप्रैल 2022 से प्रभावी होगा। कैलाश गहलोत ने कहा, "अगर कोई बस चालक बस लेन में ड्राइव नहीं करता है, तो उसे पहली बार अपराध करने पर ₹10,000 का जुर्माना लगाया जाएगा।" उन्होंने यह भी कहा कि दूसरी बार अपराध करते हुए बस चालक के खिलाफ खतरनाक ड्राइविंग का मामला दर्ज किया जाएगा। परिवहन मंत्री ने यह भी घोषणा की कि रैश ड्राइविंग के तीसरे और चौथे प्रयास के लिए बस चालक को दंड का सामना करना पड़ेगा।

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