NHAI का आदेश 20 अप्रैल से फिर शुरू होगी टोल वसूली, ट्रांसपोर्टरों ने किया विरोध

सरकार द्वारा देश में ट्रकों के परिवहन को मंजूरी देने के बाद भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने 20 अप्रैल से नेशनल हाईवे (एनएच) पर टोल वसूली फिर से शुरू करने का फैसला किया है। इससे पहले कोरोनावायरस के कारण NHAI ने 25 मार्च से सभी एनएच पर टोल वसूली बंद कर दी थी

ऑटो डेस्क: सरकार द्वारा देश में ट्रकों के परिवहन को मंजूरी देने के बाद भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने 20 अप्रैल से नेशनल हाईवे (एनएच) पर टोल वसूली फिर से शुरू करने का फैसला किया है। इससे पहले कोरोनावायरस के कारण NHAI ने 25 मार्च से सभी एनएच पर टोल वसूली बंद कर दी थी। अब NHAI ने फिर से टोल वसूली करने का फैसला लिया है।

सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने एनएचएआई को लिखे पत्र में कहा है, ‘केन्द्रीय गृह मंत्रालय द्वारा सभी ट्रकों और अन्य मालवाहक वाहनों को राज्य के भीतर और राज्यों में आवागमन के लिए जो छूट दी गई थी, उसी संबंध में एनएचएआई को गृह मंत्रालय के आदेश का पालन सुनिश्चित करने के लिए जरूरी कार्रवाई करनी चाहिए और टोल टैक्स की वसूली 20 अप्रैल, 2020 से की जानी चाहिए।’

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20 अप्रैल से आवाजाही अनुमति 

एनएचएआई के एक पत्र का उत्तर देते हुए मंत्रालय ने कहा कि एनएचएआई ने 11 और 14 अप्रैल की अपनी चिट्ठियों में टोल टैक्स वसूली शुरू करने का कारण बताते हुए कहा था कि गृह मंत्रालय ने व्यावसायिक एवं निजी प्रतिष्ठानों तथा विनिर्माण गतिविधियों सहित कई कार्यों को 20 अप्रैल से अनुमति दे दी है। पत्र में लिखा है कि एनएचएआई ने कहा है कि टोल टैक्स की वसूली से सरकार को राजस्व मिलता है और इससे एनएचएआई को भी धन लाभ होता है।

ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस ने किया विरोध 

हालांकि, परिवहन उद्योग से जुड़े ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस ने सरकार के इस कदम का विरोध करते हुए कहा है कि यह बहुत ही गलत है। सरकार चाहती है कि आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति अबाध जारी रहे और हमारा समुदाय तमाम बाधाओं के बावजूद ऐसा कर रहा है। एआईएमटीसी के तहत करीब 95 लाख ट्रक और परिवहन प्रतिष्ठान आते हैं।

लॉकडाउन से एक करोड़ से अधिक ट्रांसपोर्टरों प्रभावित 

कोरोना वायरस के सामुदायिक फैलाव को रोकने के लिए किए गए लॉकडाउन (बंद) से एक करोड़ से अधिक ट्रांसपोर्टरों, ट्रक चालकों के सामने आजीविका का संकट खड़ा हो गया है। ट्रांसपोर्टरों ने शुक्रवार को सरकार से इस क्षेत्र के लिए तत्काल राहत पैकेज देने की गुजारिश की है।कोरोना वायरस की वजह से लगाये गये लॉकडाउन के चलते 90 प्रतिशत से अधिक ट्रांसपोर्टर का काम ठप पड़ गया है। 

20 करोड़ लोगों की आजीविका प्रभावित

इससे करीब एक करोड़ ट्रक चालक प्रभावित हुए हैं। अखिल भारतीय मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस ने बताया कि चार लाख से अधिक ट्रक चालक गैर- जरूरी सामानों से लदकर देशभर में जगह जगह अटके पड़े हैं। इनके पास करीब 40,000 करोड़ रुपये का माल अटका पड़ा है। वहीं, इससे जुड़े प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष 20 करोड़ लोगों की आजीविका प्रभावित हुई है। 

एआईएमटीसी ने प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री से मांगी राहत 

ट्रांसपोर्टरों के अटके रहने से औसतन रोजाना 2,200 करोड़ रुपये का नुकसान होने का अनुमान है। एआईएमटीसी ने प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से तत्काल राहत की मांग की है। इसमें ट्रक या बस चालकों को उनके आधार या ड्राइविंग लाइसेंस के हिसाब से औसतन 15,000 रुपये प्रतिमाह देने चाहिए। 

इसके अलावा एआईएमटीसी ने ट्रांसपोर्ट क्षेत्र पर एक श्वेत पत्र तैयार कर सरकार को दिया है। साथ ही सभी ड्राइवरों के लिए अनिवार्य बीमा की मांग भी रखी है।

(फाइल फोटो)


 

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