दोनों वाहनों के लिए दो अलग-अलग FASTags लेने होंगे। वहीं एक वाहन के लिए दो FASTag खरीदने की भी सख्त मनाही है। एक के अलावा कई FASTag रखने वाला ग्राहक कानूनी कार्रवाई के लिए जिम्मेदार होगा।
नई दिल्ली. भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग ने टोल प्लाजा के लिए एक नई इलेक्ट्रोनिक तकनीक शुरू की है जिसे फास्टटैग कहा जा रहा है। एक दिसंबर से फास्ट टैग वाहनों को निकाले जाने को लेकर एक सप्ताह से ट्रायल चल रहा है। 20 किलोमीटर के दायरे के ग्रामीण और किसानों को 265 रुपये प्रतिमाह फास्ट टैग के लिए देने होंगे। इसके लिए उन्हें आईडी दिखानी पड़ेगी। इस योजना से क्षेत्रीय लोगों को राहत मिलेगी, ग्राहकों को बिना फास्ट टैग वाली लाइन से नहीं जूझना पड़ेगा।
वहीं, अन्य वाहनों को न्यूनतम 150 रुपये का रिचार्ज कराना होगा। अब वाहन चालक इसके फायदे और नियमों को लेकर कन्फयूज हैं तो हम आपको सारे सवालों के जवाब दे रहे हैं........
सवाल 1. FASTag के फायदे क्या हैं-
1. भुगतान में आसानी - टोल लेनदेन के लिए नकदी ले जाने की जरूरत नहीं, समय की बचत होती है क्योंकि आप नई तकनीक से टोल टैक्स दे ,सकेंगे।
2. जीरो जाम- बहुत देर तक जाम में न फंसने के कारण कम ईंधन लागत लगेगी।
3. ऑनलाइन रिचार्ज की सुविधा- FASTag को क्रेडिट कार्ड / डेबिट कार्ड / NEFT / RTGS या नेट बैंकिंग के माध्यम से ऑनलाइन रिचार्ज किया जा सकता है
4.SMS अलर्ट- टोल ट्रांजेक्शन, कम बैलेंस आदि के लिए अलर्ट आ जाएगा।
5. ऑनलाइन पोर्टल- ग्राहकों के लिए ऑनलाइन पोर्टल की सुविधा।
6. वैधता- 5 साल की वैलिडिटी।
7. आकर्षक ऑफर- आप 2016-17 के पुराने सभी टैक्स को FASTag उपयोग से दिखाकर सभी टोल भुगतानों पर 10% का कैशबैक प्राप्त कर सकते हैं।
8. अन्य लाभ भी हैं-
(A) पर्यावरणीय लाभ: • कम वायु प्रदूषण, • कागज का कम उपयोग।
(B) सामाजिक लाभ: • कम टोल भुगतान संबंधी परेशानियां, • बेहतर राजमार्ग प्रबंधन की सुविधा।
(C) आर्थिक लाभ: • टोल प्लाजा पर प्रबंधन में आसानी, • केंद्रीय निगरानी में सुलभ सुविधाएं।
सवाल 2- क्या दो कारों के लिए अलग-अलग लेना होगा?
जी हां आपको दोनों वाहनों के लिए दो अलग-अलग FASTags लेने होंगे। वहीं एक वाहन के लिए दो FASTag खरीदने की भी सख्त मनाही है। एक के अलावा कई FASTag रखने वाला ग्राहक कानूनी कार्रवाई के लिए जिम्मेदार होगा।
सवाल 3. बाइक के लिए भी जरूरी है क्या?
नहीं, किसी भी दो पहिया वाहन के लिए फास्ट टैग की जरूरत नहीं है।
सवाल 4. कहां और कैसे गाड़ियों पर इसे लगवा सकते हैं?
भारतीय राजमार्ग प्रबंधन कंपनी लिमिटेड (IHMCL) (नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया द्वारा शामिल कंपनी) और नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) टोल प्लाजा कंसेशनियोरिस, फस्टैग जारीकर्ता एजेंसियों और टोल ट्रांजेक्शन एक्वाइर (चुनिंदा बैंकों) की मदद से इस कार्यक्रम को लागू कर रहे हैं। टोल प्लाजा के अलावा सभी बैंक और एयरटेल फास्ट टैग बना रही है। ग्रेटर नोएडा स्थित लुहारली टोल प्लाजा कार्यालय पर भी इसे बनाया जा रहा है। वहीं, टोल प्लाजा के पास एयरटेल भी स्टॉल लगाकर फास्ट टैग बना रही है। कंपनी के 10 कर्मचारी फास्ट टैग बना रहे हैं। एक कर्मचारी को एक दिन में करीब 15 फास्ट टैग बनाने है। एक टैग बनाने में 20 मिनट का समय लग रहा है।