
जमुई (Bihar) । बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Elections) में खलल डालने की कोशिश में नक्सलीय हैं। इसके लिए उन्होंने प्लान भी बनाए हैं। हालांकि अर्ध सैनिक बलों ने तीन दिन मुठभेड़ के बाद इनके तैयारियों पर पानी फेर दिया है। लेकिन, मुंगेर सीमा (Munger border) पर पैसरा जंगल (Pasara forest) में चले इस सर्च ऑपरेशन से कई बातें सामने आई है, जिसकी पुलिस जांच में जुट गई है। बता दें कि इस कार्रवाई के दौरान पुलिस ने नक्सलियों के ठिकाने से हथियार समेत कई सामान भी बरामद हुए हैं। जिनमें दर्जनों पोस्टर भी हैं, जिसमे नक्सलियों ने विधान सभा चुनाव का बहिष्कार की बात लिखी है। साथ ही पिस्टल पर मेड इन अमेरिका लिखा हुआ है। वहीं, पुलिस अधिकारियों का कहना है कि नक्सली चुनाव के दौरान बड़े वारदात को अंजाम में जुटे थे।
सैकड़ा राउंड चली हैं गोलियां
डीआईजी मनु महाराज ने भी बताया कि कोबरा 207 बटालियन के द्वारा घने जंगल में सर्च अभियान किया जा रहा था, जिस तरह नक्सलियों ने फायरिंग शुरू कर दी और फिर दोनों तरफ से सैकड़ो राउंड गोली चली। इसके बाद घटनास्थल से जो सामान बरामद हुए हैं उससे स्पष्ट है कि नक्सली चुनाव में खलल डालने वाले थे, लेकिन सुरक्षाबलों की मुस्तैदी से नक्सलियों के मंसूबे को नष्ट कर दिया गया है।
हैंड ग्रेनेड भी हुआ है बरामद
डीआईजी मनु महाराज ने यह भी कहा कि चुनाव को लेकर सभी इलाके में सुरक्षाबलों द्वारा नक्सली गतिविधि पर नजर रखी जा रही है। मुठभेड़ वाले स्थल से नक्सलियों का कई सामान बरामद हुआ है जिसमें मेड इन अमेरिका लिखा पिस्टल और दर्जनों राउंड एसएलआर की गोलियां के साथ एक हैंड ग्रेनेड भी शामिल है।
फर्जी पहचान पत्र मिले
घटना स्थल से सुरक्षाबलों को ऐसे भी दस्तावेज मिले हैं, जिसमें अलग-अलग पहचान बताते हुए नक्सली नेता प्रवेश का फर्जी पहचान पत्र भी शामिल है। जिसकी पुलिस अधिकारी जांच करने में जुटे हैं।
28 को होना है 3 नक्सलीय प्रभावित जिलों में चुनाव
तीन नक्सल प्रभावित जिले मुंगेर, जमुई एवं लखीसराय में 28 अक्टूबर को वोटिंग होनी है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार मुंगेर रेंज के अंदर आने वाले तीन नक्सल प्रभावित जिलों में 1402 बूथ बनाए गए हैं, जिसमें 291 नक्सल प्रभावित बूथ हैं। जमुई जिला में 586 मतदान केन्द्र नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में जबकि लखीसराय जिला में 291 बूथ नक्सल प्रभावित है।
पिछले चुनाव में 2 जवान हुए थे शहीद
साल 2014 में हुए लोकसभा चुनाव में मुंगेर के गंगटा में नक्सली हमला में दो जवान शहीद हुए थे। जिसे लेकर पुलिस काफी सतर्क होकर काम कर रही है। नक्सल प्रभावित क्षेत्र में लगातार कॉम्बिंग ऑपरेशन चलाया जा रहा है। नक्सल प्रभावित इलाकों में पुलिस और प्रशासन के लिए सबसे बड़ी जिम्मेदारी लोगों को बूथों तक पहुंचाना और वोट प्रतिशत को बढ़ाना है। खुद डीआईजी जवानों के साथ सर्च आपरेशन में शामिल हैं।
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