बिहार चुनावःअर्धसैनिक बलों की तैनाती पर खर्च होंगे 122.37 करोड़, पहली बार मॉडल-3 EVM का इस्तेमाल

Published : Sep 05, 2020, 11:21 AM ISTUpdated : Sep 25, 2020, 06:28 PM IST
बिहार चुनावःअर्धसैनिक बलों की तैनाती पर खर्च होंगे 122.37 करोड़, पहली बार मॉडल-3 EVM का इस्तेमाल

सार

बिहार में पिछले विधानसभा और लोकसभा चुनाव 2019 ईवीएम के मॉडल 2 से कराए गए थे। एक तो इसका सॉफ्टवेयर पुराना हो चुका है। दूसरा इसमें तकनीकी गड़बड़ी जल्द ठीक होनी मुश्किल होती थी। तकनीकी खराबी को जांच के बाद ही दुरुस्त किया जा सकता था। इसके अतिरिक्त मॉडल 2 ईवीएम में बैलेट यूनिट भी कम संख्या में जोड़े जा सकते थे।  

पटना (Bihar) । बिहार विधानसभा चुनाव कराने की तैयारियां तेज हो गई हैं। इस बार शांति और निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए काफी अधिक अर्धसैनिक बलों को लगाया जाएगा। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि सुरक्षा बलों की तैनाती पर 122.37 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे, जबकि राज्य पुलिस की व्यवस्था का बजट इसमें शामिल नहीं है। इतना ही नहीं, इस बार के चुनाव में पहली बार मॉडल 3 ईवीएम का प्रयोग किया जाएगा।

इस तरह होंगे बजट खर्च
बिहार विधानसभा चुनाव में अर्धसैनिक बलों को तैनात किया जाएगा।  उनकी तैनाती पर खर्च के लिए इस बार 122.37 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। ये बजट अर्धसैनिक बलों की स्थापना, उनके कार्यालय और वाहनों के ईंधन पर खर्च होगी। निर्वाचन विभाग के उपसचिव आलोक कुमार ने बजट का प्रावधान करते हुए जिलों को राशि आवंटित भी कर दी है। बता दें किबिहार पुलिस की तैनाती और उसपर होने वाला खर्च अलग से होंगे। अग्रिम के तौर पर जिलों को फिलहाल 51 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। अर्धसैनिक बलों के इस भारी भरकम बजट से ही अनुमान लगाया जा सकता है कि चुनाव का शांतिपूर्ण व निष्पक्ष बनाने के  लिए सुरक्षा के स्तर पर बड़ी कोशिश हो रही है। चुनाव में सुरक्षा के लिए अर्ध सैनिक बलों पर खर्च होने वाली यह सबसे बड़ी राशि है।

ईवीएम से नहीं हो पाएगी छेड़खानी
बिहार विधानसभा के आम चुनाव को लेकर प्रथम चरण की ईवीएम जांच की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। चुनाव आयोग के निर्देश पर राज्य के सभी 243 विधानसभा क्षेत्रों के लिए ईवीएम और वीवीपैट मशीन सभी जिलों में जून के अंतिम सप्ताह में मंगा ली गई थी। बता दें कि बिहार में विधानसभा चुनाव को लेकर पहली बार मॉडल-3 ईवीएम का इस्तेमाल किया जा रहा है। यह ईवीएम पूर्व के मॉडल से काफी उन्नत है और इसमें कोई भी बाहरी हस्तक्षेप संभव नहीं है। इस मशीन की कंट्रोल यूनिट और बैलेट यूनिट आपस में संवाद करने में सक्षम है। यदि बाहर से कोई कंट्रोल यूनिट या बैलेट यूनिट लगाई जाएगी तो इसके डिजिटल सिग्नेचर मैच नहीं होगा और सिस्टम काम करना बंद कर देगा। एम-3 ईवीएम में 24 बैलेट यूनिटें (एक बैलट यूनिट में 16 उम्मीदवार) जोड़ी जा सकती हैं। इससे पूर्व टाइप 2 ईवीएम में सिर्फ 64 उम्मीदवारों को ही लेने की क्षमता थी। 

बिहार में ईवीएम मॉडल 2 से हुए हैं पिछले चुनाव
बिहार में पिछले विधानसभा और लोकसभा चुनाव 2019 ईवीएम के मॉडल 2 से कराए गए थे। एक तो इसका सॉफ्टवेयर पुराना हो चुका है। दूसरा इसमें तकनीकी गड़बड़ी जल्द ठीक होनी मुश्किल होती थी। तकनीकी खराबी को जांच के बाद ही दुरुस्त किया जा सकता था। इसके अतिरिक्त मॉडल 2 ईवीएम में बैलेट यूनिट भी कम संख्या में जोड़े जा सकते थे।
 

PREV

बिहार की राजनीति, सरकारी योजनाएं, रेलवे अपडेट्स, शिक्षा-रोजगार अवसर और सामाजिक मुद्दों की ताज़ा खबरें पाएं। पटना, गया, भागलपुर सहित हर जिले की रिपोर्ट्स के लिए Bihar News in Hindi सेक्शन देखें — तेज़ और सटीक खबरें Asianet News Hindi पर।

Recommended Stories

सिर्फ 1 रुपए में यहां की सरकार दे रही है जमीन! जानें नियम और आखिरी तारीख
Patna Weather Today: पटना में 6 दिसंबर को कैसा रहेगा मौसम, IMD ने दी चेतावनी