जेपी नड्डा से मिलते ही चिराग ने छोड़ा एक और तीर, नरम पड़े मांझी के तेवर,नीतीश की मुसीबत बढ़ाने की तैयारी

जीतन राम मांझी ने बुधवार को  लोकजनशक्ति पार्टी के संस्‍थापक और केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान को दलितों का बड़ा नेता बताया है। साथ ही चिराग पासवान को घर का बच्‍चा करार दिया और कहा कि हमारे पारिवारिक संबंध है। राजनीतिक मतभेद तो होते रहते हैं।
 

Asianet News Hindi | Published : Sep 17, 2020 5:18 AM IST / Updated: Sep 17 2020, 10:56 AM IST

पटना (Bihar ) । बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए के बीच सीट बंटवारे का पेंच उलझता ही जा रहा है। इसे लेकर लोजपा और जदयू आमने-सामने हैं। इसी बीच लोजपा प्रमुख चिराग पासवान ने भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा से मुलाकात करने की खबर है। सूत्रों के मुताबिक उन्होंने सुझाव दिया कि भाजपा को, जदयू से एक सीट अधिक पर अपना उम्मीदवार उतारना चाहिए। वहीं, अब तक चिराग पर हमलावर रहे हम (HUM) के राष्ट्रीय अध्‍यक्ष और पूर्व सीएम जीतन राम मांझी (Jitan Ram Manjhi ) के तेवर भी अचानक ही नरम पड़ गए हैं, जिसे मांझी पर यह मोदी-नड्डा का इफेक्‍ट माना जा है, क्योंकि  हाल ही में पीएम नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) की तीन वर्चुअल रैलिया हुई, जिसमें उन्‍होंने एनडीए को एकजुट रहने का संदेश दिया था। इसके पहले बीजेपी चीफ जेपी नड्डा (JP Nadda) ने सीएम नीतीश कुमार से बात की थी। जिसमें चिराग के मुद्दे पर भी चर्चा हुई थी। इसके बाद ही मुख्‍यमंत्री को लगातार पत्र और वक्‍तव्‍य जारी कर घेर रहे चिराग पासवान के भी तेवर ढ़ीले पड़ गए थे।

कुछ ऐसे हुई थी 2019 में शीट शेयरिंग
बीजेपी और जेडीयू के बीच जहां तक गठबंधन का सवाल है, 2019 के लोकसभा चुनाव को छोड़कर बाकी सभी चुनावों में जेडीयू को ज्यादा सीटें मिली थीं। 2019 में दोनों दलों ने 17-17 सीटों पर चुनाव लड़ा था, जबकि तीसरी सहयोगी एलजेपी को 6 सीटें दी गई थीं।

नीतीश के खिलाफ चुनाव लड़ने की तैयारी
जेपी नड्डा से मुलाकात के बाद चिराग पासवान की अध्यक्षता में लोजपा की मीटिंग हुई। जिसमें, कुछ दिनों पहले हुई बिहार संसदीय बोर्ड के उस प्रस्ताव का भी समर्थन किया गया, जिसमें कहा गया था कि पार्टी को बिहार की 143 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारने चाहिए। इन 143 सीटों में ज्यादातर वही सीटें हैं, जिनपर बीजेपी का उम्मीदवार नहीं खड़ा होगा। हालांकि अभी इसपर अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है।

नीतीश सरकार को दिलाया वादों की याद
बैठक में मौजूद सभी सांसदों ने गठबंधन पर अंतिम फैसला लेने का अधिकार पार्टी अध्यक्ष चिराग पासवान को दे दिया। बैठक के बाद जारी आधिकारिक बयान में बिहार में जारी अफसरशाही पर चिंता जताई गई। साथ ही, नीतीश सरकार से दलितों से किए गए 3 डिसमल जमीन देने के वादे को भी पूरा करने की मांग की गई।

पासवान बड़े नेता, लेकिन उसने हुई कुछ गलतियां
जीतन राम मांझी ने कहा है कि रामविलास पासवान दलितों के बड़े नेता हैं। हां, उनसे कुछ गलतियां जरूर हुई हैं, जिसकी ओर मैंने इशारा किया था। अनुसूचित जाति एक्ट को लेकर सुप्रीम कोर्ट से जब फैसला आया था तब हम लोग रोड पर धरना पर बैठे थे। उस समय रामविलास जी ने कुछ बोला था, जिसकी हमने निंदा की थी। जिस तरह से गैर दलितों को आरक्षण की संविधान की नौंवी सूची में डाला गया उसी प्रकार SC/ST एक्ट को भी संविधान की नौंवी सूची में शामिल करवाने के लिए रामविलास जी को कोशिश करनी चाहिए। इस समय वे इस हैसियत में हैं कि ऐसा कर सकते हैं। मगर, कर नहीं रहे हैं। 

मांझी ने चिराग को बताया घर का बेटा
जीतन राम मांझी ने बुधवार को  लोकजनशक्ति पार्टी के संस्‍थापक और केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान को दलितों का बड़ा नेता बताया है। साथ ही चिराग पासवान को घर का बच्‍चा करार दिया और कहा कि हमारे पारिवारिक संबंध है। राजनीतिक मतभेद तो होते रहते हैं।

सीएम नीतीश के बने हितैषी, ऐसे रहे हमलावर
बता दें कि जदयू में बिना शर्त शामिल हुए जीतन राम मांझी ने एनडीए में आते ही चिराग पासवान और राम‍विलास पासवान को निशाने पर लिया था। एनडीए में शामिल होने पर हम की तरफ से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के समर्थन में जारी पोस्टर में एनडीए के सभी बड़े नेताओं की तस्‍वीर थी मगर, रामविलास पासवान या चिराग पासवान की तस्‍वीर पोस्‍टर से गायब थी। इसके बाद मीडिया में पत्र जारी कर चिराग पासवान पर निशाना साधा गया था। मांझी ने यह ऐलान भी कर दिया था कि सीएम नीतीश कुमार पर हमला हम बर्दाश्‍त नहीं करेंगे।
(फाइल फोटो)

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