​बिहार चुनाव में हर मतदाता के वोट डालने के बाद सेनेटाइज होगी ईवीएम,पहली बार मॉडल-3 EVM होगी इस्तेमाल

बूथ पर वोट डालने आने वाले मतदाताओं को मास्क और ग्लब्स पहनकर आना होगा, जो वोटर मास्क पहनकर नहीं आएंगे उन्हें मतदान से स्वास्थ्य विभाग की टीम रोकेगी। मतदाता को दो गज की दूरी का पालन करना होगा। हर बूथ पर स्वास्थ्य कर्मी तैनात किए जाएंगे। मतदाता ग्लब्स पहनकर ही ईवीएम का इस्तेमाल कर सकेंगे।
 

पटना (Bihar) । निर्वाचन आयोग ने बिहार विधानसभा चुनाव कराने की तैयारियां पूरी कर चुका है। इस बार शांति और निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए काफी अधिक अर्धसैनिक बलों को लगाया जाएगा। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि सुरक्षा बलों की तैनाती पर 122.37 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे, जबकि राज्य पुलिस की व्यवस्था का बजट इसमें शामिल नहीं है। इतना ही नहीं, इस बार के चुनाव में पहली बार मॉडल 3 ईवीएम का प्रयोग किया जाएगा। तीन चरणों में होने वाले चुनाव के दौरान मतदाताओं की स्वास्थ्य सुरक्षा को लेकर कई इंतजाम किए जाएंगे। कोरोना के संक्रमण के खतरों से बचाने के लिए हर मतदाता के वोट डालने के बाद ईवीएम को सेनेटाइज करने का निर्णय लिया गया है। आयोग ने पहली बार सीधे स्वास्थ्य विभाग को कई जिम्मेवारियां सौंपी है। इस आलोक में स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव ने सूबे के सभी सिविल सर्जन को चुनावी तैयारी तेज करने का निर्देश दिया।

ऐसे डाल सकेंगे वोट
बूथ पर वोट डालने आने वाले मतदाताओं को मास्क और ग्लब्स पहनकर आना होगा, जो वोटर मास्क पहनकर नहीं आएंगे उन्हें मतदान से स्वास्थ्य विभाग की टीम रोकेगी। मतदाता को दो गज की दूरी का पालन करना होगा। हर बूथ पर स्वास्थ्य कर्मी तैनात किए जाएंगे। मतदाता ग्लब्स पहनकर ही ईवीएम का इस्तेमाल कर सकेंगे।

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चिकित्सक भी बनाए जा सकते दंडाधिकारी
इस बार जिलों में प्रशासनिक अधिकारियों के साथ-साथ चिकित्सक भी दंडाधिकारी बनाए जा सकते हैं। कोरोना के मद्देनजर चुनाव में चकित्सकों की भूमिका बढ़ाई गई है।  

ईवीएम से नहीं हो पाएगी छेड़खानी
बिहार विधानसभा के आम चुनाव को लेकर प्रथम चरण की ईवीएम जांच की प्रक्रिया बीते दिनों ही पूरी कर ली गई थी। चुनाव आयोग के निर्देश पर राज्य के सभी 243 विधानसभा क्षेत्रों के लिए ईवीएम और वीवीपैट मशीन सभी जिलों में जून के अंतिम सप्ताह में मंगा ली गई थी। बता दें कि बिहार में विधानसभा चुनाव को लेकर पहली बार मॉडल-3 ईवीएम का इस्तेमाल किया जा रहा है। यह ईवीएम पूर्व के मॉडल से काफी उन्नत है और इसमें कोई भी बाहरी हस्तक्षेप संभव नहीं है। इस मशीन की कंट्रोल यूनिट और बैलेट यूनिट आपस में संवाद करने में सक्षम है। यदि बाहर से कोई कंट्रोल यूनिट या बैलेट यूनिट लगाई जाएगी तो इसके डिजिटल सिग्नेचर मैच नहीं होगा और सिस्टम काम करना बंद कर देगा। एम-3 ईवीएम में 24 बैलेट यूनिटें (एक बैलट यूनिट में 16 उम्मीदवार) जोड़ी जा सकती हैं। इससे पूर्व टाइप 2 ईवीएम में सिर्फ 64 उम्मीदवारों को ही लेने की क्षमता थी। 

बिहार में ईवीएम मॉडल 2 से हुए हैं पिछले चुनाव
बिहार में पिछले विधानसभा और लोकसभा चुनाव 2019 ईवीएम के मॉडल 2 से कराए गए थे। एक तो इसका सॉफ्टवेयर पुराना हो चुका है। दूसरा इसमें तकनीकी गड़बड़ी जल्द ठीक होनी मुश्किल होती थी। तकनीकी खराबी को जांच के बाद ही दुरुस्त किया जा सकता था। इसके अतिरिक्त मॉडल 2 ईवीएम में बैलेट यूनिट भी कम संख्या में जोड़े जा सकते थे।

इस तरह होंगे बजट खर्च
बिहार विधानसभा चुनाव में अर्धसैनिक बलों को तैनात किया जाएगा।  उनकी तैनाती पर खर्च के लिए इस बार 122.37 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। ये बजट अर्धसैनिक बलों की स्थापना, उनके कार्यालय और वाहनों के ईंधन पर खर्च होगी। निर्वाचन विभाग के उपसचिव आलोक कुमार ने बजट का प्रावधान करते हुए जिलों को राशि आवंटित भी कर दी है। बता दें किबिहार पुलिस की तैनाती और उसपर होने वाला खर्च अलग से होंगे। अग्रिम के तौर पर जिलों को फिलहाल 51 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। अर्धसैनिक बलों के इस भारी भरकम बजट से ही अनुमान लगाया जा सकता है कि चुनाव का शांतिपूर्ण व निष्पक्ष बनाने के  लिए सुरक्षा के स्तर पर बड़ी कोशिश हो रही है। चुनाव में सुरक्षा के लिए अर्ध सैनिक बलों पर खर्च होने वाली यह सबसे बड़ी राशि है।

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