चुनाव परिणाम आने के पहले ही कांग्रेस को सताने लगा ये डर,कई राज्यों के बड़े नेताओं ने डाला डेरा

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कांग्रेस के वरिष्ठ नेता घटक दलों के साथ मिलकर जहां सरकार गठन में आपसी सामंजस्य बनाएंगे। वहीं इनकी जिम्मेदारी पार्टी के विजयी उम्मीदवारों को बांधे रखने की भी होगी। क्योंकि कांग्रेस को आशंका है कि जैसे-जैसे महागठबंधन के पक्ष में नतीजे आएंगे वैसे-वैसे सेंधमारी का खतरा बढ़ेगा। इस लिहाज से सावधानी में कोई कोर-कसर नहीं रहने देना चाहती है।

Asianet News Hindi | Published : Nov 9, 2020 3:06 AM IST / Updated: Nov 10 2020, 07:17 AM IST

पटना (Bihar) । बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Elections) के 248 सीटों पर हुए वोटिंग की गणना 10 नंवबर (कल) होगी। वहीं, इसके पहले आए एक्जिट पोल (Exit poll) के नतीजों के बाद कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने रणदीप सुरजेवाला (Randeep Surjewala) और अविनाश पांडे  (Avinash Pandey)को आब्जर्वर बनाया है, जो बिहार पहुंच गए हैं। वहीं, आज कर्नाटक, राजस्थान और झारखंड से भी नेता आज पहुंचेंगे। सूत्रों के मुताबिक इन्हें डर है कि एमपी और पंजाब की तरह विपक्षी दल उनके ने जीते हुए विधायकों में सेंधमारी न करने लगे।

क्या हुआ था राजस्थान में
राजस्थान में जुलाई में कांग्रेस के 19 विधायकों को लेकर सचिन पायलट ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ बिगुल फूंक दिया था। महीने भर गहलोत और पायलट विधायकों को लेकर बाड़ाबंदी में थे।

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क्या हुआ था एमपी में
राजनीति के जानकार बताते हैं कि एमपी में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के नेतृत्व में 6 महीने पहले 22 विधायक टूट कर भाजपा में चले गए थे। इस बगावत के बाद कांग्रेस की कमलनाथ सरकार चली गई थी।

इन नेताओं ने डारा बिहार में डेरा
राहुल गांधी के फरमान पर कांग्रेस महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला, दक्षिण बिहार के प्रभारी वीरेंद्र सिंह राठौर, पंजाब के विधायक गुरूकीरथ सिंह, राजस्थान सरकार के मंत्री रघु शर्मा, राजेंद्र यादव, झारखंड सरकार के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता, स्क्रीनिंग कमेटी के सदस्य काजी निजामुद्दीन जैसे नेता बिहार पहुंच गए हैं। वहीं, आज उत्तर बिहार के प्रभारी अजय कपूर, स्क्रीनिंग कमेटी के अध्यक्ष अविनाश पांडेय के साथ ही दूसरे कई अन्य नेताओं के भी बिहार आने की खबर है।

कांग्रेसी नेता करेंगे ये काम
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कांग्रेस के वरिष्ठ नेता घटक दलों के साथ मिलकर जहां सरकार गठन में आपसी सामंजस्य बनाएंगे। वहीं इनकी जिम्मेदारी पार्टी के विजयी उम्मीदवारों को बांधे रखने की भी होगी। क्योंकि कांग्रेस को आशंका है कि जैसे-जैसे महागठबंधन के पक्ष में नतीजे आएंगे वैसे-वैसे सेंधमारी का खतरा बढ़ेगा। इस लिहाज से सावधानी में कोई कोर-कसर नहीं रहने देना चाहती है।

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