जेल में बंद बाहुबली आनंद मोहन का बेटा चेतन बना विधायक, पिछली बार 461 वोट से हार गई थी मां

बताते चले कि यह सीट पंडित रघुनाथ झा को लेकर चर्चित रही है। पार्टी और झंडा कोई भी हो, लेकिन, वो इस सीट से लगातार 27 साल विधायक रहे। इतना ही नहीं इस सीट से बाहुबली आनंद मोहन भी मैदान में उतरे, लेकिन रघुनाथ झा के आगे नहीं  टिक सके। 

Asianet News Hindi | Published : Nov 10, 2020 5:12 PM IST

पटना (Bihar ) । जेल में बंद बाहुबली आनंद मोहन के बेटे चेतन आनंद ने शिओहर सीट पर जीत दर्ज की है। इस सीट पर उनका मुकाबला सीटिंग विधायक जेडीयू (JDU) के मो. शरफुद्दीन (Mo.Sharfuddin) से था, जो जीत की हैट्रिक बनाने के सपने देख रहे थे। बता दें कि पिछली बार चुनाव में वो चेतन आनंद की मां लवली आनंद  (Lovely Anand) से महज 461 मतों के अंतर से जीतकर दूसरी बार विधायक बने थे।

हैट्रिक नहीं लगा पाए शरफुद्दीन
लगातार दो बाj से इस सीट से विधायक मो.शरफुद्दीन भी ग्रेजुएट हैं। उनके पास 8.13 करोड़ रुपए की दौलत है। वे शरफुद्दीन 1996 राजनीति में आए थे। साल 2005 में लोजपा से चुनाव लड़े। लेकिन, हार गए थे। इसके बाद 2010 में जदयू से चुनाव लड़े और जीत गए, फिर साल 2015 में जदयू से शिवहर सीट से दूसरी बार विधायक बने। पिछली बार चुनाव में वो चेतन आनंद की मां लवली आनंद से महज 461 मतों के अंतर से जीतकर दूसरी बार विधायक बने थे।

Latest Videos

आनंद मोहन को भी करना पड़ा है हार का सामना
बताते चले कि यह सीट पंडित रघुनाथ झा को लेकर चर्चित रही है। पार्टी और झंडा कोई भी हो, लेकिन, वो इस सीट से लगातार 27 साल विधायक रहे। इतना ही नहीं इस सीट से बाहुबली आनंद मोहन भी मैदान में उतरे, लेकिन रघुनाथ झा के आगे नहीं  टिक सके। हालांकि इसबार रघुनाथ झा के पुत्र और पौत्र को दरकिनार कर जेल में बंद बाहुबली आनंद मोहन के पुत्र को प्रत्याशी बनाया था। चेतन आनंद राजनीति ग्रेजुएशन कर इस बार राजनीति में आए। उनके पास 16 लाख रुपए की संपत्ति है। 
 

Share this article
click me!

Latest Videos

चुनाव मेरी अग्नि परीक्षा, जनता की अदालत में पहुंचे केजरीवाल #Shorts #ArvindKejriwal
कांग्रेस को गणपति पूजा से भी है नफरत #Shorts
इस्तीफा देने के बाद कहां रहेंगे केजरीवाल, नहीं है घऱ #Shorts
Pitru Paksha 2024: पितृपक्ष में क्यों कराया जाता है कौवे को भोजन, क्या है महत्व
Pitru Paksha 2024: बिना पैसा खर्च किए कैसे करें पितरों को खुश ?