बिहार चुनाव नतीजे: 125 सीटें जीत सरकार बनाने जा रही NDA , ये बनी जीत की 5 बड़ी वजह

बिहार चुनाव में वोटों की गिनती पूरी हो गई है। बिहार में NDA 125 सीटें जीतकर NDA दोबारा सरकार बनाने जा रही है। नीतीश कुमार बिहार के 7वीं बार सीएम बनने जा रहे हैं। बिहार चुनाव में महागठबंधन की अगुवाई कर रहे आरजेडी नेता तेजस्वी यादव युवाओं को लुभाने की हर कोशिश की. तेजस्वी ने बेरोजगारी को बड़ा चुनावी मुद्दा बना दिया और  10 लाख लोगों को रोजगार देने का वादा कर डाला।  

Asianet News Hindi | Published : Nov 10, 2020 7:08 PM IST / Updated: Nov 11 2020, 05:00 AM IST

बिहार चुनाव में वोटों की गिनती पूरी हो गई है। बिहार में NDA 125 सीटें जीतकर NDA दोबारा सरकार बनाने जा रही है। नीतीश कुमार बिहार के 7वीं बार सीएम बनने जा रहे हैं। बिहार चुनाव में महागठबंधन की अगुवाई कर रहे आरजेडी नेता तेजस्वी यादव युवाओं को लुभाने की हर कोशिश की. तेजस्वी ने बेरोजगारी को बड़ा चुनावी मुद्दा बना दिया और  10 लाख लोगों को रोजगार देने का वादा कर डाला।  एनडीए  ने भी मामले की गंभीरता को समझा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से लेकर डिप्टी सीएम सुशील मोदी तक दोबारा सत्ता मिलने पर नौकरियों का वादा किया और  रोजगार पर भरोसा दिलाया कि 19 लाख रोजगार देंगे। लोगों ने इस भरोसा किया कि JDU सरकार इसकी एडरेस करेगी।  जानें NDA की जीत की 5 बड़ी वजह आप किसे मानते हैं।  

1   नीतीश कुमार बिहार में एनडीए के नेता के तौर पर सामने आए और उन्होंने अपनी हर सभा में अगले पांच साल के रोड मैप का जिक्र किया।  लोगों ने भरोसा किया नीतीश कुमार पर । नीतीश ने कहा था कि ये डबल इंजन की सरकार है। केंद्र मोदी सरकार बिहार के विकास को गति देगी। नीतीश कुमार ने कहा गांव-गांव में सोलर लाइट से बिजली जलाएंगे साथ ही राज्य में स्वास्थ्य सेवा का पुख्ता इंतजाम करने के अलावा पशु के स्वास्थ्य के लिए वैटनरी अस्पताल का भी निर्माण कराएंगे।शहर के अलावा गांवों के सौंदर्यीकरण पर भी ध्यान देने की बात कही , जिससे बिहार की अलग पहचान बनना का ज्रिक किया।

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2 बिहार चुनाव में महागठबंधन की अगुवाई कर रहे आरजेडी नेता तेजस्वी यादव युवाओं को लुभाने की हर कोशिश की. तेजस्वी ने बेरोजगारी को बड़ा चुनावी मुद्दा बना दिया और  10 लाख लोगों को रोजगार देने का वादा कर डाला।  एनडीए  ने भी मामले की गंभीरता को समझा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से लेकर डिप्टी सीएम सुशील मोदी तक दोबारा सत्ता मिलने पर नौकरियों का वादा किया और  रोजगार पर भरोसा दिलाया कि 19 लाख रोजगार देंगे। लोगों ने इस भरोसा किया कि JDU सरकार इसकी एडरेस करेगी।

3 सीएम नीतीश कुमार ने पूर्णिया जिले के धमदाहा में जेडीयू की चुनावी रैली में कहा था कि ये उनका आखिरी चुनाव है. नीतीश कुमार यहां जेडीयू प्रत्याशी लेसी सिंह के लिए प्रचार करने पहुंचे थे. इस दौरान नीतीश कुमार ने पूछा कि सब लोग मिलकर लेसी सिंह को भारी मतों से विजय बनाइएगा? नीतीश कुमार की रैली में उन्होंने कहा कि जो कमी हैं उन्हें दूर करने का वादा किया। आत्ममंथन की बात कही। लोगों ने भरोसा किया।  तीसरे चरण के चुनाव प्रचार के दौरान किशनगंज में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए नीतीश ने ये बात कही, जहां मुसलमानों की अच्छी खासी आबादी है. मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन के दौरान अल्पसंख्यकों के कल्याण के लिये उनकी सरकार द्वारा किये गए कार्यों का भी उल्लेख किया. उनका इशारा नागरिकता संशोधन कानून की तरफ था. उन्होंने कहा कि सबको साथ लेकर चलना ही हमारा धर्म है।

4  गांव में बिजली, किसानों के सिंचाई के मुद्दे पर काम करने के लिए नीतीश ने कहा लोगों ने इस पर भरोसा किया। सीएम इन तमाम चीजों का जिक्र कर ये साफ कर दिया हैं कि साल 2005 में उनका वादा सड़क का जाल बिछाने से लेकर अपराध पर नियंत्रण करने को लेकर था और जनता के सामने किए गए वादे को उन्होंने पूरी तरह से पूरा किया। साल 2010 में उन्होंने गांवों को बिजली से जोड़ने का वादा किया था और परिणाम स्वरूप, जिस बिहार में महज 600 मेगावाट बिजली की खपत होती थी, वहां नीतीश कुमार ने 6000 मेगावाट की बिजली मुहैया कर गांव की गलियों से लेकर झोपड़ियों तक बिजली की रोशनी से सराबोर कर दिया। साफ है कि मुख्यमंत्री अपने काम का हिसाब देकर जनता से कह रहे हैं कि वादों पर खरा उतरना उनकी फितरत है. इसलिए जनता चौथी बार भी उन पर भरोसा किया।


5 एक प्रभावी सीएम के तौर पर नीतीश  कुमार की छवि बनी। बड़े नेताओं में उनकी गिनती होती है। करप्शन का एक भी आरोप नहीं। ईमानदार छवि है नीतीश कुमार की। सुशासन लाने वाले मुख्यमंत्री पर लोगों ने भरोसा किया। मुस्लामानों के लिए भी लोकप्रिय नेता उन्होने भरोसा किया। साल 2007 में पिछड़े से अतिपिछड़ा और साल 2012 में दलितों में महादलित तैयार कर नीतीश कुमार ने अपने लिए एक बड़ा वोट बैंक तैयार कर लिया था. पंचायत स्तर पर भी महिलाओं के लिए पचास फीसदी आरक्षण से लेकर साल 2015 के चुनाव में जीत हासिल करने के बाद शराब पर राज्य में पाबंदी लगाकर सीएम नीतीश कुमार ने महिलाओं के बीच भी गहरी पैठ बना ली।
 

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