CISF की रिपोर्ट में सामने आया मुंगेर हिंसा का सचः भीड़ ने नहीं बल्कि पुलिस ने चलाई थी पहली गोली

सीआईएसएफ की इस रिपोर्ट से मुंगेर पुलिस के दावों का भंड़ाफोड हो गया, क्योंकि मुंगेर पुलिस ने दावा किया था कि भीड़ से फायरिंग हुई। उन्होंने ये भी आरोप लगाया था कि भीड़ के हमले से दर्जनों पुलिस जवान घायल हो गए। लेकिन, सीआईएसएफ की रिपोर्ट में जवानों के घायल होने का कोई जिक्र नहीं है।
 

Ankur Shukla | Published : Oct 30, 2020 3:38 AM IST / Updated: Oct 30 2020, 02:42 PM IST

पटना (Bihar) ।  मुंगेर में दशहरे पर मां दुर्गा की प्रतिमा विसर्जन के समय हुए फायरिंग में एक शख्स की मौत को लेकर स्थिति तनाव पूर्ण है। मामले में कार्रवाई न होने से आक्रोशित लोगों ने एक दिन पहले भी हिंसा की। जिसके चलते निर्वाचन आयोग (Election Commission) ने डीएम-एसपी को हटाकर मामले की जांच कराने का आदेश दिया। हालांकि घटनास्थल पर तैनात सीआईएसएफ (CISF) की टीम ने अपने आलाधिकारियों को जो रिपोर्ट सौंपी है उस रिपोर्ट में स्पष्ट कहा गया है फायरिंग की शुरूआत मुंगेर पुलिस ने की थी। बाद में केंद्रीय अर्धसैनिक बलों के जवानों ने भी फायरिंग की। 

वीडियो वायरल होने के बाद फिर भड़की हिंसा
एक दिन पहले वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस के खिलाफ लोगों का आक्रोश भड़क गया था। मुंगेर में दिन भर हंगामा होता रहा। आक्रोशित लोगों ने पुलिस थाने में आग लगा दिया। इसके बाद चुनाव आयोग ने मुंगेर के डीएम-एसपी को हटाने का निर्देश दिया। साथ ही मुंगेर में नये डीएम एस पी की तैनीती भी कर दी गई है।

..तो झूठ बोल रही मुंगरे पुलिस
सीआईएसएफ की इस रिपोर्ट से मुंगेर पुलिस के दावों का भंड़ाफोड हो गया, क्योंकि मुंगेर पुलिस ने दावा किया था कि भीड़ से फायरिंग हुई। उन्होंने ये भी आरोप लगाया था कि भीड़ के हमले से दर्जनों पुलिस जवान घायल हो गए। लेकिन, सीआईएसएफ की रिपोर्ट में जवानों के घायल होने का कोई जिक्र नहीं है।

क्या है सीआईएसएफ की रिपोर्ट में
सीआईएसएफ के डीआईजी की रिपोर्ट के मुताबिक मुंगेर कोतवाली थाना के कहने पर सीआईएसएफ की टीम को मूर्ति विसर्जन जुलूस की सुरक्षा ड्यूटी के लिए जिला स्कूल स्थित कैंप से भेजा गया था। 26 अक्टूबर की रात 11 बजकर 20 मिनट पर CISF के 20 जवानों की टुकड़ी तैनात हुई। मुंगेर पुलिस ने इन 20 जवानों को 10-10 के दो ग्रुप में बांट दिया। एक ग्रुप को SSB और बिहार पुलिस के जवानों के साथ मुंगेर के दीनदयाल उपाध्याय चौक पर तैनात किया गया।

पहले लोगों ने की थी पत्थरबाजी, फिर पुलिस ने की हवाई फायरिंग
सीआईएसएफ के डीआईजी की रिपोर्ट के अनुसार 26 अक्टूबर की रात के करीब 11 बजकर 45 मिनट पर विसर्जन यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं और स्थानीय पुलिस के बीच विवाद शुरू हुआ। विवाद इतनी बढ़ी कि कुछ लोगों ने पुलिस और सुरक्षाबलों पर पत्थरबाजी शुरू कर दी थी। पत्थर चलने के बाद मुंगेर पुलिस ने सबसे पहले हवाई फायरिंग की। फायरिंग के बाद लोग ज्यादा उग्र हो गए और पत्थरबाजी तेज कर दी। 

इस हेड कांस्टेबल ने फायर की थी 13 गोलियां 
इस रिपोर्ट में यह भी लिखा है कि ‘‘हालात को बेकाबू होते देख सीआईएसएफ के हेड कांस्टेबल एम गंगैया ने अपनी इंसास राइफल से 13 गोलियां हवा में फायर कीं। फायरिंग के बाद उग्र भीड़ तितर-बितर हुई, फिर सीआईएसएफ, एसएसबी और स्थानीय पुलिस के जवान अपने कैंप में सुरक्षित वापस लौट गए।
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