आत्मनिर्भर बिहार की पंचलाइन, चुनावी दंगल में 120 डिजिटल रथों से इस तरह अभियान चलाएगी BJP

बीजेपी बिहार के लिए पीएम नरेंद्र मोदी की ओर से किए गए कामों का लेखा-जोखा गांव-गांव तक लेकर जा रही है। मोदी ने इस बार आत्मनिर्भर बिहार के नारे के साथ चुनाव की घोषणा से पहले ही कई परियोजनाओं की सौगात दी है। 

Asianet News Hindi | Published : Oct 1, 2020 9:11 AM IST / Updated: Oct 01 2020, 02:42 PM IST

पटना। कोरोना महामारी के बीच हो रहे बिहार विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी (BJP) की तैयारियां पूरी हो गई हैं। राज्य के नेताओं चुनाव प्रभारियों के साथ बातचीत के बाद दिल्ली में जेपी नड्डा (JP Nadda) के आवास पर अमित शाह (Amit Shah) पहुंच गए हैं। मुलाकात का मकसद बिहार चुनाव है। कहा जा रहा है कि मीटिंग के दौरान एनडीए (NDA) में सीटों के समझौते के अलावा प्रत्याशियों के नाम पर चर्चा होगी और उसे बाद में पार्टी की केंद्रीय समिति से विचार विमर्श के बाद मंजूरी ली जाएगी। इस बीच बिहार में जमीन पर आक्रामक कैम्पेन के लिए भी पार्टी ने संसाधन उतारने शुरू कर दिए हैं। 

पहुंचाएंगे मोदी सरकार के काम का लेखा-जोखा 
बीजेपी बिहार के लिए पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की ओर से किए गए कामों का लेखा-जोखा गांव-गांव तक लेकर जा रही है। मोदी ने इस बार आत्मनिर्भर बिहार के नारे के साथ चुनाव की घोषणा से पहले ही कई परियोजनाओं की सौगात दी है। वर्षों से लंबित बिहार की कई मांगों को पूरा भी किया गया है। अब चुनाव के दौरान पार्टी 120 डिजिटल रथों (BJP Digital Campaign) के जरिए मोदी सरकार के काम को जन-जन तक पहुंचाने की योजना पर काम रही है। 

क्या होगा डिजिटल रथ में?
बीजेपी की ओर से जो रथ भेजे जा रहे हैं उसमें "जन जन की पुकार, आत्मनिर्भर बिहार" लिखा रहेगा। इन रथों पर एलईडी स्क्रीन, लाउडस्पीकर और मंच जैसी व्यवस्था रहेगी। पार्टी के नेता या कार्यकर्ता गांव-कस्बों में डिजिटल रथ के जरिए भीड़ जुटने पर भाषण दे सकेंगे। डिजिटल रथों के जरिए बड़े नेताओं की वर्चुअल रैलियों से जनता को जोड़ने की योजना है। कोरोना की वजह से चुनाव आयोग ने इस बार नामांकन से लेकर कैम्पेन तक सख्त नियम बनाए हैं। पहले की तरह जनसभाओं पर पाबंदी रहेगी। रोडशो और जनसंपर्क के लिए भी भीड़ जुटाने की अनुमति नहीं है। 

डिजिटल कैम्पेन में सबसे आगे है बीजेपी 
डिजिटल कैम्पेन के मद्देनजर बीजेपी के आईटी सेल ने इस बार करीब 72 हजार से ज्यादा वाट्सग्रुप बनाए हैं। ट्विटर, फेसबुक और दूसरे सोशल प्लेटफॉर्म पर भी पार्टी के आधिकारिक अकाउंट के साथ ही साथ कैम्पेन के लिए थर्ड पार्टी अकाउंट्स की भी मदद ली जा रही है। ये सारी कवायद मोदी सरकार पार्टी के एजेंडा को हर मतदाता तक पहुंचाने की योजना के तहत है। दूसरे दलों से तुलना करें तो डिजिटल कैम्पेनिंग के मामले में पार्टी सहयोगी दलों के साथ ही विपक्ष से काफी आगे नजर आ रही है। 

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