
पटना। बीजेपी प्रेसिडेंट जेपी नड्डा (BJP President JP Nadda) हफ्ते भर के अंदर दूसरी बार बिहार के चुनावी दौरे पर हैं। इससे पहले 11 अक्तूबर को उन्होंने गया के गांधी मैदान में राज्य की पहली चुनावी रैली संबोधित की थी। नड्डा की आज की रैली उन क्षेत्रों में है जहां बीजेपी के दिग्गज बागी चिराग पासवान (Chirag Paswan) की एलजेपी से जेडीयू (JDU) उम्मीदवार के खिलाफ ताल ठोक रहे हैं। एलजेपी (LJP) की चुनावी रणनीति की वजह से एनडीए (NDA) को लेकर कन्फ़्यूजन बन गया है।
माना जा रहा है कि एनडीए की एकजुटता, कन्फ़्यूजन को दूर करने और एलजेपी को साफ संदेश देने के लिए बीजेपी चीफ की रैली आयोजित की गई है। दरअसल, ये कन्फ़्यूजन चिराग के उस रवैये की वजह से बन गया है जिसमें उन्होंने एनडीए से अलग होकर जेडीयू कोटे की सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान किया।
काराकाट में नड्डा ने क्या कहा?
बागियों के गढ़ में नड्डा की रैली
चिराग ने चुनाव बाद बीजेपी संग राज्य में सरकार बनाने का भी ऐलान किया। इसे क्रम में एलजेपी ने जेडीयू की सीटों पर बीजेपी से आए दिग्गज बागियों को टिकट दिया है। वैसे एलजेपी ने कुछ जगहों पर बीजेपी के खिलाफ भी उम्मीदवार उतारे हैं। बिहार दौरे में नड्डा की दो रैली बगावत कर एलजेपी उम्मीदवार बने पूर्व बीजेपी नेताओं के गढ़ में है। रैली में एनडीए के दिग्गज नेता भी शामिल होंगे। 18 अक्तूबर से नीतीश के साथ पीएम नरेंद्र मोदी भी एनडीए उम्मीदवारों के पक्ष में रैली करेंगे।
क्या संदेश देना चाहती है बीजेपी?
नड्डा की रैली बीजेपी समर्थकों, जेडीयू और विपक्ष को संदेश देने के लिए भी है कि बिहार में एलजेपी के साथ उसका कोई लेना-देना नहीं है। नीतीश कुमार ही एनडीए की ओर से सीएम फेस हैं। और उन्हीं के नेतृत्व में एनडीए की सरकार बनेगी। बीजेपी ने पहले ही बागियों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की है।
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