बरबीघा के आंकड़ों को देखें तो यहां हार जीत का अंतर मात्र 113 रहा। बरबीघा विधानसभा सीट पर एनडीए कोटे से जेडीयू प्रत्याशी सुदर्शन कुमार, महागठबंधन से कांग्रेस के टिकट पर गजानन्द शाही मैदान में थे।
पटना। बिहार में विधानसभा (Bihar Polls 2020) की सभी 243 सीटों के नतीजे आ गए। इस बार राज्य की 243 विधानसभा सीटों पर 7.2 करोड़ से ज्यादा वोटर्स ने मताधिकार का प्रयोग किया। 2015 में 6.7 करोड़ मतदाता थे। कोरोना महामारी (Covid-19) के बीचे तीन चरण में चुनाव कराए गए थे। चुनावी प्रक्रिया में 7 लाख हैंडसैनिटाइजर, 46 लाख मास्क, 6 लाख PPE किट्स और फेस शील्ड, 23 लाख जोड़े ग्लब्स इस्तेमाल हुए। यह सबकुछ मतदाताओं और मतदानकर्मियों की सुरक्षा के मद्देनजर किया गया था। ताकि कोरोना के खौफ में भी लोग बिना भय के मताधिकार की शक्ति का प्रयोग करें। बिहार चुनाव समेत लोकतंत्र की हर प्रक्रिया में हर एक वोट की कीमत है।
एक वोट की कीमत बिहार के हर चुनाव में दिखी है। इस बार भी करीब दर्जनभर सीटों पर एक-एक वोट की जंग देखने को मिली। हालांकि खबर लिखे जाने तक सीटों का पूरा ब्यौरा नहीं मिल पाया था। वैसे इनमें एक सीट बरबीघा विधानसभा की भी रही जहां बेहद नजदीकी मुक़ाबला हुआ। महागठबंधन नेताओं ने नजदीकी मुकाबलों वाली सीट पर मतगणना में धांधली का भी आरोप लगाया है।
113 वोट से हुआ फैसला
बरबीघा के आंकड़ों को देखें तो यहां हार जीत का अंतर मात्र 113 रहा। बरबीघा विधानसभा सीट पर एनडीए कोटे से जेडीयू प्रत्याशी सुदर्शन कुमार, महागठबंधन से कांग्रेस के टिकट पर गजानन्द शाही और चिराग पासवान की एलजेपी के मधुर कुमार समेत 11 प्रत्याशी मैदान में थे। सुदर्शन को 39878 वोट मिले जबकि दूसरे नंबर पर रहे कांग्रेस के गजानंद शाही को 39765 वोट मिले। तीसरे नंबर पर एलजेपी को 18930 वोट मिले।
प्रत्याशियों का इतिहास दल-बदलू
2015 के चुनाव में सुदर्शन कुमार इसी सीट से कांग्रेस पार्टी के टिकट पर 15717 मतों के अंतर से जीते थे। कांग्रेस के गजानंद शाही 2010 में जेडीयू के टिकट पर चुनाव जीतकर विधायक बने थे। जेडीयू के बागी राकेश रंजन भी निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में मैदान में थे। बरबीघा के नतीजों ने बता दिया कि चुनाव में मतदाताओं के पास कितनी शक्ति होती है।