चिराग पासवान पर बड़ा आरोप,पूर्व एलजेपी नेता ने कहा-नक्सलियों से हैं संबंध, जांच कराए सरकार

बता दें कि बिहार विधानसभा चुनाव में लोजपा को करारी हार का सामना करना पड़ा था। पूरे चुनाव तक नीतीश कुमार का विरोध करने वाले चिराग केवल बेगूसराय में एक सीट पर ही लोजपा को जिता पाए थे। वहीं, पार्टी विरोधी कार्य में संलिप्त होने तथा अनुशासनहीनता के कारण लोजपा के पूर्व प्रदेश महासचिव केशव सिंह को पार्टी की प्राथमिकता सदस्यता से छह वर्षों के लिए निष्कासित किया गया है। 

Asianet News Hindi | Published : Dec 6, 2020 12:54 PM IST / Updated: Dec 06 2020, 06:25 PM IST

पटना (Bihar )। लोक जनशक्ति पार्टी सुप्रीमो चिराग पासवान पर बड़ा आरोप लगा है। हाल ही में पार्टी से बगावात के बाद निष्‍कासित किए गए पूर्व प्रदेश महासचिव केशव सिंह ने चिराग पासवान के खिलाफ पटना के शास्‍त्रीनगर थाना में हत्‍या की धमकी दिलाने का केस दर्ज कराया है। साथ ही आरोप लगाया है कि चिराग पासवान नक्‍सलियों से संबंध रखते हैं।

चुनाव जीतने के लिए की थी नक्सलियों से मुलाकात
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक केशव ने कहा है कि चिराग पासवान ने विधानसभा चुनाव जीतने के लिए नक्सलियों से भेंट भी की थी। इसकी जांच सरकार को करानी चाहिए। हालांकि चिराग पर लगाए गए आरोपों व दर्ज एफआइआर की बाबत एलजेपी की तरफ से अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है। अब निगाहें चिराग पासवान व उनकी पार्टी की प्रतिक्रिया पर टिकी हुई है।

केशव सिंह ने चिराग पर लगाए ये आरोप
केशव सिंह का कहना है कि अमर आजाद नामक एक व्यक्ति ने चिराग पासवान के कहने पर उन्‍हें धमकी दी थी। यह धमकी उन्‍हें एलजेपी में प्रजातंत्र की बात उठाने पर दी गई थी। इसके बाद उन्‍हें पार्टी से भी निष्कासित कर दिया गया है। केशव सिंह के अनुसार पूरे घटनाक्रम में चिराग पासवान का हाथ है। केशव के अनुसार अब वे पटना के एसएसपी एवं डीजीपी को भी पूरे मामले की जानकारी देंगे। साथ ही किशनगंज के एसपी को भी ई-मेल से आवेदन भेजेंगे।

एक सीट जीत पाई थी एलजेपी
बता दें कि बिहार विधानसभा चुनाव में लोजपा को करारी हार का सामना करना पड़ा था। पूरे चुनाव तक नीतीश कुमार का विरोध करने वाले चिराग केवल बेगूसराय में एक सीट पर ही लोजपा को जिता पाए थे। वहीं, पार्टी विरोधी कार्य में संलिप्त होने तथा अनुशासनहीनता के कारण लोजपा के पूर्व प्रदेश महासचिव केशव सिंह को पार्टी की प्राथमिकता सदस्यता से छह वर्षों के लिए निष्कासित किया गया है। 

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