चुनाव आयोग में CM फेस तेजस्वी यादव के नामांकन को चुनौती, JDU ने शिकायत कर लगाए ऐसे आरोप

चुनाव आयोग में शिकायत कर जेडीयू ने आरोप लगाए कि आरजेडी नेता ने चुनावी हलफनामे में कई जानकारियां छिपाई हैं। नामांकन के दौरान तेजस्वी ने संपत्ति को लेकर जो हलफनामा दिया है वो गलत है और इसकी जांच होनी चाहिए। 

Asianet News Hindi | Published : Nov 3, 2020 11:03 AM IST / Updated: Nov 03 2020, 04:59 PM IST

पटना। महागठबंधन के सीएम फेस और राघोपुर विधानसभा से दूसरी बार चुनाव लड़ रहे आरजेडी नेता तेजस्वी यादव के नामांकन को जेडीयू ने चुनौती दी है। चुनाव आयोग में शिकायत कर जेडीयू ने आरोप लगाए कि आरजेडी नेता ने चुनावी हलफनामे में कई जानकारियां छिपाई हैं। नामांकन के दौरान तेजस्वी ने संपत्ति को लेकर जो हलफनामा दिया है वो गलत है और इसकी जांच होनी चाहिए। 
 
जेडीयू नेता नीरज कुमार ने चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज कराई। उन्होंने कहा- हमारी शिकायत पर चुनाव आयोग ने जरूरी कार्रवाई का भरोसा दिया है। बिहार चुनाव आयोग इस मसले को केंद्रीय चुनाव आयोग के समक्ष भी रखेगा। हमें मामले  की जांच करने का भरोसा दिया गया है। बताते चलें कि विपक्ष लगातार तेजस्वी यादव और उनके परिवार पर आय से अधिक संपत्ति होने का आरोप लगाता आया है। चुनाव में भी कई मर्तबा जेडीयू ने यह सवाल खड़ा किया है कि बिना कोई काम धंधा किए तेजस्वी यादव के नाम इतनी संपत्ति कहां से आ गई। 

हलफनामे में तेजस्वी ने क्या बताया है? 
तेजस्वी पहली बार 2015 में राघोपुर से विधायक बने थे। ये दूसरा मौका है जब वो राघोपुर से मैदान में हैं। नामांकन के साथ उन्होंने हलफनामा दाखिल था। इसमें तेजस्वी ने अपने नाम 5.88 करोड़ रुपए की संपत्ति का खुलासा किया। 2015 में तेजस्वी की संपत्ति 2.13 करोड़ रुपए थी। पांच साल में आरजेडी नेता की संपत्ति में साढ़े तीन करोड़ का इजाफा हुआ है। 31 मार्च 2020 तक उनके पास 1 लाख 20 हजार कैश था। विपक्ष का आरोप है कि तेजस्वी के नाम इससे भी ज्यादा संपत्ति है और हलफनामे में उन्होंने चल-अचल संपत्ति का पूरा ब्योरा नहीं दिया है। 

तेजस्वी ने किए हैं कई लुभावने वादे  
महागठबंधन में इस बार आरजेडी के साथ कांग्रेस, सीपीआई एमएल, सीपीआई और सीपीएम शामिल है। महागठबंधन सभी 243 सीटों पर चुनाव लड़ रहा है। तेजस्वी ने नीतीश कुमार के 15 साल के कार्यकाल पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा है कि नीतीश के नेतृत्व में बिहार बर्बादी के रास्ते पर पहुंचा। तेजस्वी ने वादा किया है कि उनकी सरकार बनी तो 10 लाख युवाओं को सरकारी स्थायी नौकरियां दी जाएंगी। दवाई, पढ़ाई और कमाई के लिए किसी को भी राज्य छोडकर बाहर नहीं जाना पड़ेगा। 

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