CM नीतीश का RJD पर हमला- 'गरीबों का वोट लेते, उन्हीं के बच्चे स्कूल से बाहर थे, आज क्या तस्वीर है?'

नीतीश ने कहा- बच्चे-बच्ची गरीबी की वजह से शिक्षा से वंचित और स्कूल से बाहर थे। उनकी आमदनी न के बराबर थी और उसमें भी कमाई का बड़ा हिस्सा इलाज पर खर्च करना पड़ता था।

Asianet News Hindi | Published : Oct 24, 2020 7:27 AM IST / Updated: Oct 24 2020, 01:02 PM IST

पटना। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने विपक्ष पर लोगों से झूठे वादे करने का आरोप लगाते हुए कहा कि लोग हमारे 15 साल के कार्यकाल पर सवाल उठा रहे थे, 15 साल पहले बिहार की तस्वीर क्या थी। जिन महादलितों और अल्पसंख्यकों का वोट लेकर राजनीति की जा रही थी उन्हीं के बच्चे-बच्ची गरीबी की वजह से शिक्षा से वंचित और स्कूल से बाहर थे। उनकी आमदनी न के बराबर थी और उसमें भी कमाई का बड़ा हिस्सा इलाज पर खर्च करना पड़ता था। 

बेगूसराय जिले की साहेबपुर कमाल विधानसभा की रैली में नीतीश कुमार ने एनडीए (NDA) सरकार के दौरान बिहार में कैसे बदलाव हुए इसका पूरा लेखा-जोखा प्रस्तुत किया। नीतीश ने कहा- "आरजेडी (RJD) के शासनकाल में कोई पढ़ाई नहीं थी, इलाज नहीं था। हमने सर्वेक्षण कराया तो पाया कि पहले एक महीने में एक स्वास्थ्य केंद्र में सिर्फ 39 मरीज जाते थे। सरकारी अस्पतालों की खस्ता हालत थी। गरीब लोगों की आमदनी बहुत कम थी और उसका भी सबसे ज्यादा हिस्सा इलाज पर खर्च होता था।" 

स्वास्थ्य केन्द्रों की हालत सुधारी, गांव-गांव स्कूल बनाए  
नीतीश ने कहा- "लेकिन जब हमें (एनडीए सरकार) काम करने का मौका मिला- हमने डॉक्टरों का प्रबंध किया, अस्पताल में दवा का प्रबंध किया। कोरोना से पहले तक अब राज्य के एक स्वास्थ्य केंद्र में औसतन हर महीने 10 हजार लोग आ रहे हैं। स्कूल का क्या हाल था? पहले किसी गांव में स्कूल नहीं दिखता था। अब क्या स्थिति है। नए स्कूलों का निर्माण किया गया। बच्चों को पढ़ने की सुविधा दी। चार लाख से थोड़ा कम शिक्षकों की बहाली कराई।"

आरजेडी राज में गरीबों के बच्चे स्कूल से बाहर थे 
नीतीश ने लोगों से सवाल पूछते हुए कहा- "आखिर कौन थे जो स्कूलों से बाहर रह जाते थे। वो महादलित थे अल्पसंख्यक थे। हमने 30 हजार लोगों के जरिए उनके बच्चों को बाहर ही पढ़ा-पढ़ाकर स्कूल भेजा। अब स्कूल से बाहर रहने वाले बच्चों की संख्या न के बराबर है। पहले गरीबी के कारण लोग लड़कियों को मिडिल स्कूल नहीं भेज पाते थे। ऐसा कपड़ों की कमी से था। हमने पोशाक योजना शुरू की। साइकिल योजना भी शुरू की। अब स्कूलों में लड़कियों की संख्या भी लड़कों के बराबर हो गई। मिडिल स्कूलों में तो ये संख्या बढ़ गई है।" 

गरीबों से वोट लिया काम नहीं किया 
नीतीश ने कहा- "पंचायती राज में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण दिया। पहले महादलित, अल्पसंख्यकों, अति पिछड़े वर्ग को कोई पूछता नहीं था। ओबीसी को 20 प्रतिशत आरक्षण दिया। ये लोग (विपक्ष) तब राज कर रहे थे और देखते नहीं थे। गरीब के कंधों पर बंदूक रखकर चलाते थे। हम लोगों ने काम किया। अपराध के नियंत्रण के लिए भी काम किया। अब अपराध के मामले में बिहार देश में 23वें नंबर पर चला गया है। पहले क्या स्थिति थी? राज्य की आमदनी भी बढ़ गई। लोगों की आय में वृद्धि हुई। कोई काम हम लोगों ने छोड़ा नहीं। सड़कों का जाल बिछाया और पुलियों का निर्माण किया। जब भी मौका मिला बिहार को आगे ही लेकर गए।"  नीतीश ने वादा किया कि एक बार और मौका मिला तो यहां से बिहार को और आगे लेकर जाना है। 

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