नीतीश कुमार 7वीं बार बिहार के सीएम बनने जा रहे हैं। रविवार को एनडीए विधायक दल की बैठक में उन्हें नेता चुना गया। बीजेपी के वरिष्ठ नेता व केन्द्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने उनके नाम का ऐलान किया। इसके बाद उन्होंने राजभवन में राज्यपाल को 126 मंत्रियों के समर्थन का पत्र सौंपा और सरकार बनाने का दावा पेश किया।
पटना. नीतीश कुमार 7वीं बार बिहार के सीएम बनने जा रहे हैं। रविवार को एनडीए विधायक दल की बैठक में उन्हें नेता चुना गया। बीजेपी के वरिष्ठ नेता व केन्द्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने उनके नाम का ऐलान किया। इसके बाद उन्होंने राजभवन में राज्यपाल को 126 मंत्रियों के समर्थन का पत्र सौंपा और सरकार बनाने का दावा पेश किया। सोमवार शाम 4.30 बजे राजभवन में नीतीश कुमार का शपथ ग्रहण होगा, जहां वह 7वीं बार बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। इस शपथ ग्रहण में 30 सालों पुरानी एक परंपरा टूटने जा रही है।
बिहार में पिछले 30 साल के दौरान फुल टर्म वाली हर सरकार के मुख्यमंत्री का शपथ ग्रहण समारोह पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में हुआ है। लेकिन इस बार नीतीश कुमार जब सातवीं बार सीएम बनने जा रहे हैं तो उनका शपथ समारोह राजभवन में होगा। राजभवन के राजेंद्र मंडप में शपथ समारोह की तैयारी चल रही है। जानकारी के मुताबिक, कोरोना संक्रमण के कारण इस बार गांधी मैदान में शपथ ग्रहण नहीं होगा। गांधी मैदान में शपथ समारोह में ज्यादा लोगों के पहुंचने की संभावना रहेगी, जिससे कोरोना को लेकर जारी गाइडलाइंस पर असर पड़ सकता है। फिलहाल इस मामले में अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।
(फ़ाइल फोटो)
1990 में लालू यादव ने शुरू की थी परंपरा
1990 से लेकर 2015 तक जो भी मुख्यमंत्री बने हैं, फिर चाहे वो आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव हों या फिर नीतीश कुमार, सभी ने पटना के गांधी मैदान में ही मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है। इसकी शुरूआत लालू प्रसाद यादव ने की थी 1990 में उन्होंने गांधी मैदान में शपथ लिया था। इसके बाद 1990, 1995 और 2000 में भी गांधी मैदान में शपथ ग्रहण हुआ। उसके बाद फुल टर्म वाली हर सरकार के मुखिया का शपथ गांधी मैदान में ही हुआ है।
नीतीश कुमार भी तीन बार ले चुके हैं गांधी मैदान में शपथ
2005 में नीतीश कुमार जब मुख्यमंत्री बने तो उन्होंने भी परंपरा को आगे बढ़ाते हुए गांधी मैदान में ही शपथ ग्रहण किया। फिर 2010, 2015 में भी नीतीश कुमार ने गांधी मैदान में ही शपथ ली। हालांकि, जुलाई 2017 जब नीतीश कुमार ने महागठबंधन से अपना नाता तोड़ा और बीजेपी के साथ मिलकर जब फिर से अपनी सरकार बनाई तब राजभवन स्थित राजेंद्र मंडप में उन्होंने शपथ ली थी। इस बार शपथ समारोह को राजभवन में रखने के पीछे मुख्य वजह कोरोना वायरस संक्रमण को ही माना जा रहा है। अगर गांधी मैदान में शपथ समारोह होता है तो वहां ज्यादा लोग पहुंच सकते हैं, ऐसे में सोशल डिस्टेंसिंग प्रभावित होगी।