बिहार की राजनीति में अच्छी छवि हासिल करने वाले नीतीश का मास्टरस्ट्रोक तीसरे फेज में बहुत बड़ा असर डाल सकता है। अबतक उनके खिलाफ जो सत्ता विरोधी रुझान दिख रहा था वो कम हो सकता है।
पटना। बिहार में तीसरे चरण के कैम्पेन के आखिरी दिन आज सीएम नीतीश कुमार ने राजनीति से संन्यास की घोषणा करके इस चुनाव में सबसे बड़ा ट्रम्प कार्ड खेल दिया है। बताने की जरूरत नहीं कि बिहार की राजनीति में अच्छी छवि हासिल करने वाले नीतीश का मास्टरस्ट्रोक तीसरे फेज में बहुत बड़ा असर डाल सकता है। अबतक उनके खिलाफ जो सत्ता विरोधी रुझान दिख रहा था वो कम हो सकता है। यही वजह है कि आखिरी मौके पर नीतीश के इस दांव से उनके विरोधियों में खलबली मच गई है।
चिराग पासवान और उपेंद्र कुशवाहा के बाद अब महागठबंधन के सीएम फेस तेजस्वी यादव ने भी घोषणा पर तंज़ कसते हुए प्रतिक्रिया दी है। तेजस्वी ने कहा- "आदरणीय नीतीश जी बिहारवासियों की आकांक्षाओं, अपेक्षाओं के साथ-साथ जमीनी हकीकत भी स्वीकार करने को तैयार नहीं थे। हम शुरू से कहते आ रहे है कि वो पूर्णत: थक चुके हैं और आज आखिरकार उन्होंने अंतिम चरण से पहले हार मानकर राजनीति से संन्यास लेने की घोषणा कर हमारी बात पर मुहर लगा दी।"
पूर्णिया में नीतीश ने क्या कहा?
पूर्णिया जिले की धमदाहा विधानसभा में आज रैली करने आए नीतीश कुमार ने भाषण के अंत में कहा- "आप जान लीजिए आज चुनाव का आखिरी दिन है। और परसों चुनाव है। ये मेरा अंतिम चुनाव है। अंत भला तो सब भला। आप बताइए, वोट दीजिएगा ना। हाथ उठाकर बताइए।" नीतीश की इस घोषणा के बाद बिहार के राजनीतिक गलियारे में हड़कंप मचा हुआ है। चुनाव में नीतीश के इस बड़े मूव का विपक्ष के पास कोई जवाब नहीं है।
चिराग-कुशावाहा ने क्या कहा?
हालांकि संन्यास की घोषणा पर विपक्षी नेता नीतीश की आलोचना कर रहे हैं। चिराग पासवान ने कहा कि संन्यास की घोषणा करने वाले नीतीश कुमार अगली बार हिसाब देने नहीं आएंगे। इसलिए जेडीयू को वोट देकर खराब न करें। जबकि आरएलएसपी चीफ उपेंद्र कुशवाहा ने तंज़ कसते हुए कहा कि अब छोटे भाई को आशीर्वाद देकर घर पर आराम कीजिए।