महागठबंधन में नहीं हो पाया सीटों पर समझौता, कहां फंसा है पेंच? गांवों में रवाना हो रहे BJP के डिजिटल रथ

Published : Sep 15, 2020, 06:46 PM ISTUpdated : Sep 15, 2020, 07:58 PM IST
महागठबंधन में नहीं हो पाया सीटों पर समझौता, कहां फंसा है पेंच? गांवों में रवाना हो रहे BJP के डिजिटल रथ

सार

महागठबंधन में सीटों का पेंच उलझता ही जा रहा है। अभी तक महागठबंधन में शामिल पार्टियां अंतिम समझौते पर नहीं पहुंच पाई हैं। महागठबंधन में कन्फ़्यूजन की स्थिति नजर आ रही है।  

पटना। बिहार में विधानसभा चुनाव (Bihar polls 2020) के लिए सरगर्मी ज़ोरों पर हैं। एनडीए और महागठबंधन समेत लगभग सभी दलों में सक्रियता देखने को मिल रही है। इस बीच यह भी खबर है कि महागठबंधन (Mahagathbandhan) में सीटों का पेंच उलझता ही जा रहा है। अभी तक महागठबंधन में शामिल पार्टियां अंतिम समझौते पर नहीं पहुंच पाई हैं। महागठबंधन कन्फ़्यूजन का शिकार भी लगता है। और वजह एनडीए (NDA) से बाहर के दलों का महागठबंधन का हिस्सा बनने की इच्छा है। उधर, दूसरे दलों से कैम्पेन के मामले में आगे दिख रही बीजेपी (BJP) ने ग्रामीण इलाकों में प्रचार के लिए कुछ जिलों में डिजिटल रथ को भेजना शुरू कर दिया है। 

महागठबंधन में कहां फंसा है पेंच? 
महागठबंधन में आरजेडी (RJD), कांग्रेस (CONGRESS), उपेंद्र कुशवाहा की RLSP, मुकेश साहनी की VIP और वामपंथी पार्टियों के शामिल होने की चर्चा है। हालांकि ज्यादा से ज्यादा दावेदारी की वजह से सहयोगी दलों के बीच कोई सहमति नहीं बन पा रही है। महागठबंधन में कई और दल आना चाहते हैं। इस वजह से कुछ साथी भी तय नहीं हो पा रहे हैं। चर्चाओं के मुताबिक आरजेडी राज्य की 243 विधानसभा सीटों में से 150 पर लड़ना चाहती है। आरएलएसपी की ओर से 43 सीट की सूची आरजेडी को सौंप दी गई है। वीआईपी ने भी 25 सीटों पर दावा किया है। इस बार कांग्रेस भी 80 से ज्यादा सीट की दावेदारी कर रही है। लोगों की दावेदारी की वजह से कोई आखिरी समझौता नहीं हो पा रहा है। 

एनडीए, बीजेपी ने झोंकी ताकत 
उधर, बीजेपी और एनडीए के दूसरे सहयोगी दलों ने ताकत झोंक दी है। यहां तक कि हिन्दुस्तानी अवामी मोर्चा (HAM) और लोकजनशक्ति पार्टी (LJP) ने भी पोस्टर-बैनर और दूसरी प्रचार सामाग्री से अभियान स्टार्ट कर दिया है। पार्टी प्रेसिडेंट जेपी नड्डा (BJP Chief JP Nadda) के दौरे के बाद तो बीजेपी के बड़े नेताओं ने जनसम्पर्क का रुख कर लिया है और विभिन्न जिलों का दौरा कर रहे हैं। पार्टी ने गांवों में प्रचार के लिए डिजिटल रथ रवाना कर दिया है। कुछ जिलों से बीजेपी के प्रचार रथों के गांवों में रवाना होने की भी खबरें आ रही हैं। बीजेपी का मकसद इन रथों के जरिए केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं को लोगों तक पहुंचाना है। 

फडणवीस ने एक बार फिर उठाया सुशांत सिंह का मुद्दा 
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) ने एक बार फिर सुशांत सिंह राजपूत (Sushant Singh Rajput) की मौत का मुद्दा उठाया है। बिहार चुनाव के प्रभारी बनाए गए फडणवीस ने बिहार के कई जिलों का दौरा किया है। एक टीवी इंटरव्यू में उन्होंने कहा, "सीबीआई (CBI) एक प्रोफेशनल एजेंसी है। सुशांत सिंह राजपूत मामले में वो ठीक ढंग से जांच करेगी।" उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पूरे मामले में मुंबई पुलिस ने ठीक से जांच नहीं कि और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में शिवसेना-कांग्रेस-एनसीपी का रवैया भी ठीक नहीं था। 

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