जब चकाई में सिर्फ 188 वोट से चुनाव जीत गई JMM, मुंह देखती रह गईं बिहार की क्षेत्रीय पार्टियां

चकाई के चुनावी इतिहास को देखें तो यहां किसी भी एक पार्टी का कभी दबदबा नहीं रहा। संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी को छोड़कर किसी भी पार्टी ने यहां से लगातार दो बार जीत हासिल नहीं की है। 

Asianet News Hindi | Published : Oct 26, 2020 10:59 AM IST

जमुई/पटना। बिहार में विधानसभा (Bihar Polls 2020) हो रहे हैं। इस बार राज्य की 243 विधानसभा सीटों पर 7.2 करोड़ से ज्यादा वोटर मताधिकार का प्रयोग करेंगे। 2015 में 6.7 करोड़ मतदाता थे। कोरोना महामारी (Covid-19) के बीचे चुनाव कराए जा रहे हैं। इस वजह से इस बार 7 लाख हैंडसैनिटाइजर, 46 लाख मास्क, 6 लाख PPE किट्स और फेस शील्ड, 23 लाख जोड़े ग्लब्स इस्तेमाल होंगे। यह सबकुछ मतदाताओं और मतदानकर्मियों की सुरक्षा के मद्देनजर किया जा रहा है। ताकि कोरोना के खौफ में भी लोग बिना भय के मताधिकार की शक्ति का प्रयोग कर सकें। बिहार चुनाव समेत लोकतंत्र की हर प्रक्रिया में हर एक वोट की कीमत है।

जमुई लोकसभा क्षेत्र में पड़ने वाली चकाई विधानसभा एक सामान्य सीट है। चकाई के चुनावी इतिहास को देखें तो यहां किसी भी एक पार्टी का कभी दबदबा नहीं रहा। संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी को छोड़कर किसी भी पार्टी ने यहां से लगातार दो बार जीत हासिल नहीं की है। यहां दो बार निर्दलीय भी विधायक बनने में कामयाब रहे हैं। सबसे ज्यादा तीन बार बीजेपी ने ये सीट जीती है। 

Latest Videos

 

ऐतिहासिक थे चकाई के नतीजे 
एक वोट की कीमत का एहसास 2010 में जमुई जिले की चकाई विधानसभा सीट के नतीजों में भी देखने को मिला था। तब यहां तीन पार्टियों में वोटों के लिए जबरदस्त रेस थी। 2010 में झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) ने सुमित कुमार सिंह, लोकजनशक्ति पार्टी ने बिजय कुमार सिंह और बीजेपी ने फाल्गुनी को उम्मीदवार बनाया था। बसपा के टिकट पर पृथ्वी भी मैदान में थे। बसपा उम्मीदवार ने भी काफी मेहनत कर लड़ाई को चतुष्कोणीय रूप देने की कोशिश की। लेकिन वो चुनावी रेस में काफी पिछड़ गए। 

188 वोटों से जेएमएम को मिली थी जीत 
2010 में जेएमएम, एलजेपी और बीजेपी के बीच ही सीधा मुक़ाबला हुआ। तब यहां के चुनाव का नतीजा बेहद करीबी रहा। आखिरी राउंड के बाद नतीजे घोषित हुए तो चकाई में जेएमएम प्रत्याशी को जीत मिली। वो भी सिर्फ 188 मतों से। जेएमएम प्रत्याशी सुमित कुमार सिंह को 21,809 वोट मिले। दूसरे स्थान पर एलजेपी के बिजय थे जिन्हें 21, 621 वोट मिले। तीसरे स्थान पर बीजेपी उम्मीदवार को भी 20, 261 वोट मिले। बसपा प्रत्याशी को 16, 427 वोट मिले। 2015 में ये सीट आरजेडी ने जीती थी। चकाई के नतीजों से समझा जा सकता है कि चुनावी प्रक्रिया में मतदाताओं के एक वोट की क्या कीमत होती है।  

Share this article
click me!

Latest Videos

New York में Hanumankind, आदित्य गढ़वी और देवी श्री की जोरदार Performance, PM Modi ने लगाया गले
कहीं आपके घी में तो नहीं है जानवरों की चर्बी, ऐसे करें चेक । Adulteration in Ghee
CM Atishi के पहले ही आदेश पर एलजी ने दिया झटका, आखिर क्यों वापस लौटाई फाइल
सिर्फ 2 किताबें और... 12वीं पास लड़के ने छाप डाले 22000 Cr. । Dinesh Thakkar
सुल्तानपुर डकैती के गुनहगारों का हिसाब कर रही STF, अब तक 11 के खिलाफ हुआ एक्शन