दागी उम्मीदवार मतलब गारंटी, क्या है बिहार में बाहुबलियों की जीत के पीछे का गणित? ADR की रिपोर्ट में खुलासा

बिहार में साफ छवि वाले उम्मीदवारों का प्रदर्शन बेहद खराब है। इसके मुक़ाबले दागी और बाहुबलियों की जीत का प्रतिशत काफी अच्छा है। इस बार भी बाहुबली छवि के कई उम्मीदवार मैदान में हैं। 

पटना। पिछले कुछ दशकों में राजनीति के अपराधीकरण का सबसे ज्यादा आरोप बिहार ने झेला है। सफेदपोश बाहुबली राजनीति में सक्रिय भी हैं। कोई भी पार्टी इस आरोप से खुद को बचा नहीं सकती कि उसने दागी और बाहुबली छवि के उम्मीदवारों को टिकट देने में परहेज किया है। बिहार में साफ छवि वाले उम्मीदवारों का प्रदर्शन बेहद खराब है। इसके मुक़ाबले दागी और बाहुबलियों की जीत का प्रतिशत काफी अच्छा है। अब इसकी एक वजह एडीआर की रिपोर्ट (ADR Report) में सामने आ रही है। 

पिछले 15 साल के दौरान हुए चुनावों के आधार पर तैयार एडीआर की रिपोर्ट के मुताबिक अपराधिक मामलों के आरोपी उम्मीदवारों के जीतने की संभावना बिहार में 15 प्रतिशत होती है। जबकि साफ छवि वालों की सिर्फ पांच प्रतिशत होती है। उम्मीदवार दागी होने के साथ यदि अमीर हैं तो उनकी जीत की संभावना और ज्यादा हो जाती है। मजेदार यह भी है कि कई शिक्षित उम्मीदवारों पर आरोप भी गंभीर हैं। यह उस स्थापित थियरी को खारिज करती है कि पढ़े-लिखे लोग अपराध में शामिल नहीं रहते। 

Latest Videos

अपराधी उम्मीदवार, पक्की जीत  
2005 से अब तक 10785 उम्मीदवारों का विश्लेषण करते हुए शुक्रवार को एडीआर ने रिपोर्ट जारी की है। इनमें से 30 प्रतिशत उम्मीदवारों ने खुद पर लगे मामलों की घोषणा की है। दागियों में 20 प्रतिशत ऐसे भी हैं जिनके ऊपर गंभीर मामलों के आरोप हैं। जीत हासिल करने वाले 820 सांसद और विधायकों के विश्लेषण में पता चला है कि इनमें 57 प्रतिशत पर आपराधिक मामले थे। इनमें से भी 36 प्रतिशत पर गंभीर किस्म के आरोप लगे थे। विश्लेषण में यह भी पता चला कि जीत के बाद दागी उम्मीदवारों की संपत्ति में बेतहाशा वृद्धि हुई। 

अपराध और धनबल का सीधा-सीधा संबंध 
2005 से अब तक बिहार में उम्मीदवार औसतन 1.09 करोड़ रुपये संपत्ति के मालिक थे। लेकिन जीत के बाद यह आंकड़ा औसतन 2.25 करोड़ रुपये हो गई। वैसे इस अवधि के दौरान बिहार में प्रति व्यक्ति आय 2005 में 7813 रुपये के मुक़ाबले बढ़कर फिलहाल 47 हजार 541 रुपये है। यानी प्रति व्यक्ति आय में 6 गुना वृद्धि हुई है। एडीआर की रिपोर्ट से यह बात साफ पता चलती है कि बिहार की राजनीति में धनबल और अपराध का सीधा-सीधा संबंध है।

Share this article
click me!

Latest Videos

SDM थप्पड़कांड के बाद हर तरफ बवाल, ठप हो गया राजस्थान और नरेश मीणा को घसीटते हुए ले गई पुलिस
पनवेल में ISKCON में हुआ ऐसा स्वागत, खुद को रोक नहीं पाए PM Modi
Dev Diwali 2024: देव दिवाली आज, जानें पूजा का शुभ मुहूर्त और सबसे खास उपाय
कागजों पर प्लान, सिर्फ ऐलान... क्यों दिल्ली-NCR को नहीं मिल रही धुआं-धुआं आसमान से मुक्ति?
'जब तक कलेक्टरनी की मेंहदी न उतार दूं...' नरेश मीणा का एक और वीडियो हुआ वायरल