
खगड़िया। लॉकडाउन-3 में मिली ढील के बाद दूसरे राज्यों में फंसे बिहारी मजदूर स्पेशल ट्रेनों से वापस आ रहे हैं। बिहार सरकार ने राज्य में आने वाले प्रवासी मजदूरों के लिए रोजगार दिलाने की घोषणा तो की थी, लेकिन अभी तक इस घोषणा के अनुसार काम मिलना शुरू नहीं हो सका है। ऐसे में इन मजदूरों के सामने रोजी-रोटी की चिंता सता रही है। रोजगार की तलाश में बिहार के श्रमिकों का दूसरे राज्यों में जाने का सिलसिला भी शुरू हो गया है। बिहार के 222 मजदूर गुरुवार को अपने काम पर वापस लौटे। ये सभी मजदूर खगड़िया जिला के है। जिन्हें स्पेशल ट्रेन के जरिए तेलंगाना भेजा गया।
मिल मालिक ने दोनों सरकारों से की बात
मिली जानकारी के अनुसार ये सभी मजदूर तेलंगाना के लिंगपल्ली जिले में एक राइस मिल में काम करते थे। होली से पहले ये लोग घर आए थे। जिसके बाद कोरोना फैलने और लॉकडाउन लगने के बाद यहीं फंस गए थे। ऐसे में सभी मजदूर होली के बाद से बेरोजगार बैठे थे। इस बीच लॉकडाउन-3 में जब ढील दी गई तो इन मजदूरों ने मिल मालिक से बात की। फिर मिल मालिक ने तेलंगाना सरकार और बिहार सरकार से बातचीत की। जिसके बाद इन सभी मजदूरों को स्क्रिनिंग के बाद स्पेशल ट्रेन से तेलंगाना भेजा गया।
तेलंगाना में रोज का 1200 रुपए तक कमाई
मजदूरों ने बताया कि तेलंगाना के राइस मिल में हम लोग रोज का 1200 रुपए तक कमा लेते थे। होली के समय आने के बाद से अभी तक लगातार खाली बैठे थे। यहां हमें इतनी कमाई नहीं होगी। बिहार में काम-धंधा मिलेगा भी तो 300 से 400 रुपए रोज की कमाई होगी। ऐसे में हमलोग वापस जा रहे हैं। खगड़िया के डीएम आलोक रंजन घोष ने बताया कि सभी मजदूरों की रेलवे स्टेशन पर स्क्रिनिंग की गई। नाम-पता नोट किया गया। सभी जरूरी प्रक्रिया को पूरा करने के बाद मजदूरों को वापस भेजा गया।
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