
पटना। बिहार केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन की ओर से बुलाए गए हड़ताल के कारण 22, 23 और 24 जनवरी को बिहार की दवा दुकानें बंद रहेगी। इस दौरान मरीज और उनके परिजनों को परेशानी हो सकती है। इस परेशानी से बचने के लिए आज ही जरूरत की दवाएं खरीद कर अपने पास रख लें। सोमवार की देर शाम बुलाई गई बिहार केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन की बैठक में इस हड़ताल को अंतिम रूप से मंजुरी दे दी गई है। ऐसे में कल से तीन दिनों तक के लिए बिहार की सभी दवा दुकानें बंद रहेगी। उल्लेखनीय हो कि बिहार के दवा दुकानदार सरकार के उस नियम का विरोध कर रहे हैं जिसमें यह बताया गया है कि सभी दवा दुकानों को अनिवार्य रूप से एक फार्मासिस्ट रखना होगा।
बिहार में करीब 52 हजार दवा की दुकानें
दवा दुकानों की संख्या के हिसाब से बिहार में फार्मासिस्टों की कमी है। दुकानदारों का कहना है कि ऐसे में सभी दुकानों पर फार्मासिस्ट का रखना संभव नहीं है। एसोसिएशन की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार बिहार में दवा की करीब 52 हजार दुकानें है। लेकिन फार्मासिस्ट मात्र साढ़े सात हजार है। ऐसे में सभी दुकानों पर फार्मासिस्ट का रखना संभव नहीं है। एसोसिएशन के अध्यक्ष परसन कुमार ने बताया कि बिहार ड्रग कंट्रोलर के अनुरोध पर इन तीन दिनों तक केवल सरकारी अस्पतालों और बड़े नर्सिंग होम में दवा की आपूर्ति की जाएगी। एसोसिएशन के महासचिव अमरेंद्र कुमार ने बताया कि सभी दवा दुकानों पर फार्मासिस्ट रखने का निर्देश सरकार का तुगलकी फरमान है। जिसका पालन संभव नहीं है।
नहीं मानी बात तो अनिश्चितकालीन हड़ताल होगी
बिहार केमिस्ट और ड्रगिस्ट एसोसिएशन का कहना है कि यदि सरकार उनकी बात को नहीं मानती है तो मार्च में अनिश्चितकालीन हड़ताल की जाएगी। बता दें कि इससे पहले वर्ष 2000 में दवा दुकानदारों ने टीओटी के मुद्दे पर सात दिनों का हड़ताल किया था। दवा दुकानदारों की हड़ताल के कारण बिहार की चिकित्सा व्यवस्था के चरमराने का अंदेशा जताया गया है। इन तीन दिनों में सरकारी अस्पतालों में मरीजों की संख्या भी बढ़ेगी। ऐसे में बेहतर हैं कि हड़ताल से पूर्व आज ही जरूरत की दवाएं खरीद ली जाए।
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