भरी पंचायत में महिलाओं को मैला खिलाया, बाल भी काटे; डायन का आरोप लगा हुई दरिंदगी

कहने को तो हम लोग आधुनिक युग में जी रहे हैं, लेकिन कई लोग ऐसे है, जिनका जादू-टोना, डायन-जोगन पर विश्वास है। अंधविश्वास में मानवता को शर्मसार करने वाली घटना बिहार के मुजफ्फरपुर में घटी है। 

मुजफ्फरपुर। आधुनिक युग में भी लोगों का डायन और जादू-टोना पर विश्वास कायम है। कुछ असामामिक लोगों के उकसावे में महिलाओं के साथ दरिंदगी भरे कृत्य किए जा रहे हैं। बिहार के मुजफ्फपुर जिले के हथौड़ी थाना क्षेत्र के डकरामा गांव में एक ही परिवार की तीन महिलाओं पर डायन का आरोप लगा अमानवीय व्यवहार किया गया। दर्जनों ग्रामीणों के सामने तीनों महिलाओं के बाल काट दिए गए, उन्हें जबरन मैला पिलाया गया। पूरे घटनाक्रम का वीडियो सामने आया है। उत्पीड़न का शिकार हुई महिलाओं ने खौफ में परिजनों के संग गांव को छोड़ दिया। 

डीजीपी बोले- नहीं बख्शे जाएंगे दोषी
हैरत की बात है कि सोमवार को घटी घटना की जानकारी स्थानीय पुलिस को देर शाम तक नहीं मिली। मीडिया के जरिए मानवता को शर्मसार करने वाला ये मामला जब सुर्खियों में आया तो बिहार के डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे ने कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश दिया। 

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डीजीपी का कहना है कि मामले में जो भी लोग दोषी हैं उन्हें नहीं छोड़ा जाएगा। घटना के संबंध में स्थानीय लोगों ने बताया कि पीड़ित महिलाओं के परिवार में ही एक कथित भगत झाड़-फूंक करता है। गांव में कुछ दिन पहले एक-दो नवजात की मौत के बाद भगत के घर की महिलाओं को लेकर अफवाह फैली। 

शिकायत करने पर जान से मारने की धमकी
अफवाह में इन्हीं महिलाओं को नवजातों की मौत का जिम्मेदार बताया गया। जिसके बाद महिलाओं को सबक सिखाने की साजिश हुई। भगत के यहां झाड़-फूंक के बहाने अचानक काफी संख्या में ग्रामीण जुट गए और तीनों महिलाओं को पकड़ लिया। बारी-बारी से तीनों का बाल काट दिए दिया फिर मैला पिलाया। पुलिस से शिकायत करने पर जान से मारने की धमकी दी। घटना का वीडियो बना कर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। वीडियो वायरल होने के बाद क्षेत्र में खलबली मच गई है। 

पीड़ित पक्ष ने नहीं की पुलिस से शिकायत  
अमानवीय कृत्य के बाद पीड़ित महिलाएं अपने परिवार के साथ गांव छोड़ कर जा चुकीं है। पीड़ित महिलाएं इतनी डरी हैं कि अपने ऊपर हुए अत्याचार की शिकायत करने थाने तक जाने की हिम्मत नहीं जुटा पाई। हथौड़ी थानाध्यक्ष जितेन्द्र देव दीपक ने बताया कि घटना की जानकारी होने पर थाने से जमादार को गांव में भेजा गया था, लेकिन पीड़ित पक्ष के गांव में नहीं होने के कारण उनका बयान दर्ज नहीं हो सका। उन्होंने बताया कि पुलिस मामले की छानबीन कर रही है। एसएसपी जयंत कांत ने बताया कि मामले में गांव के मुखिया और अन्य जनप्रतिनिधियों की भूमिका की जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

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