कोरोना से बचाव के लिए जारी लॉकडाउन में भी लोग अपनी आदतों से बाज नहीं आ रहे है। इस महामारी से बचने के लिए सरकार ने कहीं भी भीड़ नहीं जुटाने का निर्देश दिया है। लेकिन इसके बाद भी बिहार के मधुबनी जिले में एक मस्जिद में 100 जमाती ठहरे थे। जिन्हें समझाने पहुंची पुलिस पर हमला कर दिया गया।
मधुबनी। दिल्ली के निजामुद्दीन में बीते दिनों संपन्न हुए तब्लीगी मरकज में शामिल लोगों में कोरोना फैलने की पुष्टि के बाद प्रशासन चौकन्ना हो गई है। जगह-जगह मस्जिदों में ठहरे लोगों को सोशल डिस्टेंस और कोरोना से बचाव के लिए जरूरी जानकारी दी जा रही है। लेकिन इस काम में लगे जवान और प्रशासनिक अधिकारियों को बदले में पत्थर की मार खानी पड़ रही है। वाकया बिहार के मधुबनी जिले का है। जहां लॉकडाउन के दौरान गीदड़ गंज गांव के बड़ी मस्जिद में 100 से अधिक जमाती रुकने की खबर मिलने पर जांच करने पहुंची पुलिस पर स्थानीय लोगों ने जमकर पत्थरबाजी और फायरिंग की।
पुलिस को एक किमी तक खदेड़ा
स्थानीय लोगों ने पुलिस को करीब एक किलोमीटर मदरसा हनफीया तक खदेड़ दिया। बचाव में पुलिस ने भी लोगों पर बल का प्रयोग किया है। ग्रामीणों ने पुलिस वाहन को बगल के तालाब में उल्टा दिया। इस घटना में आधे दर्जन पुलिस और दो ग्रामीणों को जख्मी होने की सूचना मिल रही है। पुलिस के साथ हुए पथराव में मस्जिद में ठहरे जमाती भागने में कामयाब रहे। उल्लेखनीय है कि कोरोना वायरस को लेकर 22 मार्च से जिले में लॉकडाउन है। दिल्ली स्थित निजामुद्दीन मगरिव की तरह गीदड़गंज गांव में के मस्जिद में भी सैकड़ों के संख्या में जमाती ठहरे हुए थे।
गांव में कैंप कर रही है पुलिस, माहौल तनावपूर्ण
बीते दिनों नमाज के समय अंधराठाढ़ी थाना पुलिस दल बल के साथ पहुंची। मस्जिद में लॉकडाउन के उल्लंघन करते नमाजियों नमाज अदा कर रहे थे। वे सभी बिना मास्क पहने दूरी की ख्याल को नजर अंदाज कर रहे थे। पुलिस के पहुंचते ही स्थानीय लोगों ने पुलिस पर पथराव करते हुए गोली चला दी। उल्लेखनीय है कि गीदड़गंज गांव में एक ही समुदाय अल्पसंख्यक लोग है। घटना वर्तमान मुखिया ओजेरा खातून के घर के बगल में हुई हैं। पुलिस पर गोली चलाने वाली उसी मोहल्ले के मो. मुसवा एवं अन्य बताए जाते हैं। घटना के बाद अंधराठाढ़ी थाना पुलिस किसी तरह जान बचाते हुए वहां से निकली। इस घटना के बाद पुलिस के एक दल को गांव में तैनात किया गया है।