बिहार राज्य में अच्छी बरसात के लिए वहां लोग अलग अलग तरह के तरीके अपना रहे है। इसी तरह की एक परंपरा बुधवार 20 जुलाई के दिन देखने को मिली जहां गांव के लोगों ने मिलकर मैढ़क और मैढ़की की शादी कराई ताकि राज्य में अच्छी बारिश हो सके।
औरंगाबाद (बिहार): बिहार में अच्छी बारिश के लिए अनोखी परंपरा अपनाई जा रही है। औरंगाबाद, सहरसा जिले से बारिश के मेंढक-मेंढकी की अनोखी शादी करने की तसवीर सोशल मीडिया में जमकर वायरल हो गया है। दरअसल, बिहार में सूखे के हालात हैं। इसलिए गांव के लोगों ने अच्छी बारिश के लिए मेंढक और मेंढकी की शादी रचाई। जिसमें मेंढक दुल्हा बना और मेंढकी दुल्हन। गांव वाले बाराती बनें। गाजे-बाजे के साथ बारात निकाली गई। लोग नाचते-गाते मेंढक और मेढकी की शादी में शामिल हुए। दोनों की धूमधाम से शादी की गई। मेंढक और मेढक की शादी के बाद झमाझम बारिश हुई। 20 जुलाई को बारिश के लिए अनोखी शादी करने की रस्म हुई। दूल्हे का तिलक भी हुआ। इस दौरान पूरे गांव में जश्न का माहौल था। गांव के एक-एक लोग इस अनोखी शादी का साक्षी बनें।
औरंगाबाद में हुई है अनोखी शादी
औरंगाबाद जिले के हसपुरा प्रखंड के अहियापुर और अल्पा गांव का है। जहां ग्रामीणों ने बारिश के लिए मेंढक और मेंढकी की शादी कराई। इस दौरान महिलाएं शादी की गीत भी गाती दिखी। मेंढकी को दुल्हन की तरह सजाया गया था। उसे लाल चुनरी भी ओढ़ाई गई। मेंढक को भी दुल्हे की तरह सेहरा पहनाया गया था। दुल्हे की द्वार पूजा भी हुई। शादी के बाद मेंढकी की विदाई भी की गई।
पंडित ने परंपरा के साथ कराई शादी
पंडित ने विधा विधान से दोनों की शादी कराई। इस अनोखी शादी में पूरा गांव सम्मलित हुआ। वहीं, सहरसा जिले के बख्तियारपुर थाना क्षेत्र के भोराहा गांव के ग्रमीणों ने भी बारिश के लिए मेंढक और मेढकी की शादी कराई। पूरे रस्म के साथ दोनों की शादी कराई गई। लोगों का कहना था कि मेंढक और मेंढकी की शादी के बाद इंद्र भगवान खुश होंगे और अच्छी बारिश होगी।
क्या है मान्यता
ग्रामीणों में मान्यता है कि मेंढक और मेंढकी का शादी कराने के बारिश होगी। दोनों की शादी के बाद इंद्र भगवना खुश होकर बारिश के रुप में काफी बरसते हैं। मेंढक और मेंढकी का शादी होने मौसम के साथ कनेक्शन हैं। ऐसी भी मान्यता है कि मेंढक या मेंढकी के ज्यादा बोलने से बारिश होती है। फिल्हाल बिहार में बारिश नहीं होने के कारण सुखे के हालात है। इसलिए अच्छी बारिश के लिए मेंढक और मेंढकी की पूजा की जा रही है। जानकारी हो कि बिहार के कई इलाकों में अच्छी बारिश के लिए विभिन्न प्रकार की पूजा की जाती है। इनमें एक मेंढक और मेढकी की शादी भी शामिल हैं।
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