बिहार में पेशी के दौरान जली रोटी लेकर पहुंचा कैदी, कहा- साब मिलता है घटिया खाना, जेल की करतूत आई सामने

बिहार के कारागार की करतूत एक कैदी ने कोर्ट में  पेशी के दौरान उजागर कर दी। वह जली रोटी लेकर जज को दिखाने पहुंचा और कहा- साबह मिलता है खटिया खाना। राज्य के बेगुसराय जिले की मंडल कारा जेल का मामला।

Sanjay Chaturvedi | Published : Jul 20, 2022 12:47 PM IST / Updated: Jul 20 2022, 07:39 PM IST

बेगुसराय. बिहार के बेगुसराय जिले के मंडल कारा में बंद एक कैदी ने जेल की सच्चाई कोर्ट के सामने रखने का अनोखा तरीका अपनाया। उसने अपने पेशी के दौरान चोरी छिपे कुछ रोटियां अपने पास रख ली और पेशी के समय जज को जली रोटी दिखाकर कहा- साहब, जेल में इसी तरह का खाना कैदियों को दिया जाता है, जिसे जानवर भी नहीं खा सकता है। जेल प्रशासन कैदी को कच्ची रोटी देती है या फिर जली हुई। साथ ही कैदी ने कहा कि एक ही सब्जी लगातार कैदी को खिलाई जाती है। सब्जी और दाल में सिर्फ पानी रहता है। यह सुनकर पुलिसवाले और अधिकारी दंग रह गये। कैदी ने कारा प्रशासन की पोल खोलते हुए कई आरोप भी लगाये हैं। कैदी का नाम रामजप्पो है। इसकी जानकारी जब कैदी रामजप्पो के पुत्र चंदन कुमार ने जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव सतीश झा को दी। इसके बाद जज साहब खुद कोर्ट हाजत पहुंच गए और मामले की पूरी जानकारी ली। 

खाने की शिकायत पर गाली देते हैं पुलिसवाले, पैसे की होती है वसूली
बेगूसराय के मंडल कारा में बंदी ने खाने में गड़बड़ी सहित पैसे की वसूली का भी आरोप लगाया है। जिसके बाद कोर्ट ने घटना के जांच के आदेश दिये हैं। कैदी ने कहा कि मंडल कारा बेगूसराय में बंद कैदियों को जानवरों से भी बदतर खाना दिया जाता है। खाने की शिकायत करने पर गाली गलौज की जाती है। कैदी ने कोर्ट में बताया कि जब परिजन कुछ सामान और फल लेकर अगर जेल आते हैं, तो कारा प्रशासन के द्वारा राशि मांगी जाती है। राशि देने पर ही परिजनों द्वारा लाया गया सामान बंदी तक पहुंचाया जाता है। शिकायत के बाद जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव और न्यायाधीश सतीश कुमार झा ने अविलंब मामले की जांच के आदेश दिए हैं एवं दोषी लोगों पर कार्रवाई की बात कही है। 

उठ रहे सवाल... न्यायालय तक रोटी लेकर कैसे पहुंचा कैदी
इस मामले को लेकर सवाल उठने लगा है कि आखिर जेल से न्यायालय तक बंदी रोटी लेकर कैसे पहुंचा। जबकि कारा प्रशासन के नियमों के अनुसार पेशी के दौरान कोई भी सामान लेकर बंदी नहीं जा सकता। सवाल यह भी है कि किस नियम के तहत कारा प्रशासन के द्वारा राशि की मांग की जाती है। मालूम हो कि पूर्व में भी बंदी के परिजनों ने कारा अधीक्षक समेत पांच लोगों पर न्यायालय में प्राथमिकी दर्ज करायी थी।
 

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