बिहार में क्या होने वाला है कुछ बड़ा! अमित शाह के दौरे से पहले नीतीश के इस मंत्री ने दिया इस्तीफा

बिहार की सियासत से बड़ी खबर सामने आ रही है। बताया जा रहा है कि कानून मंत्री कार्तिकेय सिंह के बाद अब नीतीश सरकार में बने कृषि मंत्री और राजद नेता सुधाकर सिंह ने भी मंत्री पद से अपना इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव को अपना त्याग पत्र सौंप दिया है।

Ujjwal Singh | Published : Oct 2, 2022 8:13 AM IST / Updated: Oct 02 2022, 01:51 PM IST

पटना. बिहार की सियासत से बड़ी खबर सामने आ रही है। बताया जा रहा है कि कानून मंत्री कार्तिकेय सिंह के बाद अब नीतीश सरकार में बने कृषि मंत्री और राजद नेता सुधाकर सिंह ने भी मंत्री पद से अपना इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव को अपना त्याग पत्र सौंप दिया है। गृह मंत्री अमित शाह के बिहार दौरे से पूर्व ही बिहार सरकार के एक और मंत्री के इस्तीफे से वहां की सियासत गर्म हो गई है और तरह- तरह के कयास लगाए जाने लगे हैं। कृषि मंत्री सुधाकर सिंह अपने बयानों से लगातार विवाद में थे। उन्होंने एक कार्यक्रम में कहा था- उनके विभाग में चोर भरे पड़े हैं और वे चोरों के सरदार हैं। वहीं, कुछ दिनों पूर्व उन्होंने कहा था- माप तौल अधिकारी मिलें तो जूते से मारिए। इस्तीफे की बात की पुष्टि राजद प्रदेश अध्यक्ष व सुधाकर सिंह के पिता जगदानंद सिंह ने भी की है। हालांकि अभी इस्तीफा स्वीकार नहीं हुआ है।

बता दें कि बिहार के कृषि मंत्री सुधाकर सिंह ने हाल ही में तब खूब चर्चाओं में रहे थे जब उन्होंने अपने ही विभाग में भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाया। सुधाकर सिंह ने अपनी ही सरकार के अंदर चल रहे भ्रष्टाचार की कलई खोल कर रख दी थी। कैमूर में उन्होंने कहा कि हम चोरों के सरदार हैं। उन्होंने कहा, ये वही पुरानी सरकार है। इसके चाल चलन पुराने हैं। सुधाकर सिंह वर्तमान राजद प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के बेटे हैं और अभी कैमूर के रामगढ़ से विधायक हैं। सुधाकर सिंह 2010 में पिता से बगावत कर भाजपा के टिकट पर चुनावी मैदान में उतरे थे लेकिन वे चुनाव हार गए थे।  

सुधाकर सिंह पर चावल घोटाले का भी आरोप
बता दें इस्तीफा देने वाले कृषि मंत्री सुधाकर सिंह बिहार के बहुचर्चित चावल घोटाले के आरोपी भी हैं। यह चावल घोटाला 2013-14 में हुआ था। उनपर आरोप था कि उन्होंने चावल जमा नहीं करवाए और उसे गबन कर गए। अदालत में ये मामला अब भी लंबित है। रामगढ थाने में ही उन पर केस हुआ था। लेकिन, लालू यादव के परिवार से उनके पिता की नजदीकी के कारण उन्हें उन्हें मंत्री पद मिल गया।

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