बिहार विधानसभा चुनाव: भाजपा और कांग्रेस ने कसी कमर,ये लिए निर्णय, 29 को मीटिंग करेंगे नड्डा

कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव केसी वेणुगोपाल ने योग्य उम्मीदवारों के चयन के लिए 6 सदस्यीय स्क्रीनिंग कमेटी बना दी है। इसमें अविनाश पांडेय अध्यक्ष बनाए गए हैं। देवेंद्र यादव और काजी निजामुद्दीन कमेटी के दो मुख्य सदस्य हैं। वहीं, पदेन सदस्य के रूप में बिहार प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल, प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा और सीएलपी लीडर सदानंद सिंह भी रहेंगे।

Asianet News Hindi | Published : Aug 27, 2020 9:14 AM IST / Updated: Aug 27 2020, 03:12 PM IST

पटना (Bihar) । बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारियां तेज हो गई हैं। संभावना बन रही है कि नवंबर महीने में राज्य में विधानसभा चुनाव कराए जा सकते हैं। इस बीच 29 अगस्त को भाजपा  के अध्यक्ष जेपी नड्डा ने राज्यों के सभी सांसदों के साथ अहम बैठक बुलाई है। वहीं, कांग्रेस ने भी उम्मीदवारों के चुनाव के लिए स्क्रीनिंग कमेटी गठित कर दिया है, जिसका अध्यक्ष अविनाश पांडेय को बनाया है। साथ ही मुस्लिम वोटर्स पर अधिक पकड़ रखने वाले पूर्व केंद्रीय मंत्री शकील अहमद के निष्कासन को रद्द कर दिया है। कहा जा रहा है कि चुनाव में उन्हें अहम जिम्मेदारी दी जा सकती है।

पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस भी हो सकते हैं मीटिंग में शामिल
बिहार में सुशांत सिंह राजपूत की मौत का मामला काफी गर्म है। लगातार बिहार सरकार के मंत्री, बिहार बीजेपी के नेता इस मसले पर बयानबाजी भी कर रहे हैं। ऐसे में देवेंद्र फडणवीस का 29 अगस्त को होने वाली मीटिंग में शामिल होना भाजपा की आगे की रणनीति साफ कर सकता है। बता दें कि बीते दिनों चुनाव आयोग की ओर से राज्य में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए गाइडलाइंस जारी कर दी गई थीं, जिसके बाद ये साफ संकेत मिलने लगे थे कि इस बार भी चुनाव समय पर ही होंगे. हालांकि, कोरोना वायरस संकट के कारण कई तरह के बदलाव किए गए हैं।



कांग्रेस ने अविनाश पांडेय को बनाया स्क्रीनिंग कमेटी का अध्यक्ष

कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव केसी वेणुगोपाल ने योग्य उम्मीदवारों के चयन के लिए 6 सदस्यीय स्क्रीनिंग कमेटी बना दी है। इसमें अविनाश पांडेय अध्यक्ष बनाए गए हैं। देवेंद्र यादव और काजी निजामुद्दीन कमेटी के दो मुख्य सदस्य हैं। वहीं, पदेन सदस्य के रूप में बिहार प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल, प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा और सीएलपी लीडर सदानंद सिंह भी रहेंगे।

कांग्रेस में शकील अहमद की फिर वापसी
कांग्रेस पार्टी ने पूर्व केंद्रीय मंत्री शकील अहमद का निलंबन रद्द करने की घोषणा की है। निलंबन को वापस लेने की घोषणा को विधानसभा चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है। बता दें कि वो बिहार में एक बड़े मुस्लिम चेहरे के रूप में जाने जाते हैं और कांग्रेस के मुखर समर्थक रहे हैं। पार्टी में रहते हुए वे कांग्रेस पार्टी की तरफ से बीजेपी से सवाल उठाते रहे थे। लेकिन, पिछले साल महागठबंधन के प्रत्याशी के खिलाफ मधुबनी सीट से चुनाव भी लड़ा था। इसके चलते उन्हें पार्टी से छह साल के लिए निलंबित कर दिया गया था।

शकील अहमद को मिल सकती है बड़ी जिम्मेदारी
ब सूत्रों की मानें तो कांग्रेस शकील अहमद को बड़ी जिम्मेदारी दे सकती है। इस पर अभी तक पार्टी की तरफ से कुछ भी नहीं कहा गया है। बता दें कि शकील अहमद मधुबनी लोकसभा सीट से साल 1998 और 2004 में सांसद रह चुके हैं. वह 1985, 1990 और 2000 में विधायक भी थे। वह राबड़ी देवी की अगुवाई वाली बिहार सरकार में स्वास्थ्य मंत्री भी रह चुके हैं। उन्होंने 2004 में मनमोहन सिंह सरकार में संचार, आईटी और गृह राज्य मंत्री का कार्यभार भी संभाला है।
 

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