फंस गया पेंच, नीतीश के जीतनराम NDA में चाहते हैं 15 सीट; 110-100-33 के फॉर्मूले में कैसे मिलेगी जगह?

कुछ दिन पहले तक आरजेडी के महागठबंधन में नजर आ रहे हिंदुस्तानी अवामी मोर्चा (हम) के चीफ जीतनराम मांझी को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने पाले में मिला लिया है।

Asianet News Hindi | Published : Aug 27, 2020 7:02 AM IST / Updated: Sep 04 2020, 08:30 PM IST

पटना। बिहार विधानसभा चुनाव के लिए राजनीतिक पार्टियां सीटों की शेयरिंग को लेकर माथापच्ची कर रही हैं। कहीं बात बन रही है तो किसी जगह अंतिम फैसला नहीं हो रहा है। कुछ दिन पहले तक आरजेडी के महागठबंधन में नजर आ रहे हिंदुस्तानी अवामी मोर्चा (हम) के चीफ जीतनराम मांझी को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने पाले में मिला लिया। हालांकि एनडीए में मांझी के आने की आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है मगर वो सार्वजनिक रूप से एनडीए नेता के तौर पर ही प्रतिक्रिया दे रहे हैं। सीट शेयरिंग पर अंतिम बातचीत की खबरें भी आ रही हैं। 

नीतीश, माझी को 9 से 12 सीटें देना चाहते हैं। लेकिन मांझी 15 सीट चाहते हैं। माझी के बिना एनडीए में 110-100-33 का फॉर्मूला तय बताया जा रहा था। बिहार में विधानसभा की 243 सीटें हैं। इस आधार पर जेडीयू 110, बीजेपी 100 और एलजेपी के 33 सीटों पर चुनाव लड़ने की चर्चा सामने आ रही थी। हालांकि एलजेपी को 42 सीटें चाहिए। बताने की जरूरत नहीं कि मांझी के आने के बाद सीट शेयरिंग का फॉर्मूला बदलना पड़ेगा। एलजेपी की नाराजगी को देखते हुए जेडीयू और बीजेपी को अपने कोटे से ही मांझी को हिस्सा देना पड़ सकता है। 

तो पेंच कहां फंसा है 
जीतनराम मांझी महादलित समाज से आते हैं जिसका बिहार में तगड़ा वोट बेस है। एनडीए को उसकी जरूरत पड़ेगी। नीतीश कुमार 12 सीट देने पर राजी भी हो गए हैं। मगर हम चीफ 15 की जिद पर अड़े हैं। तीन सीटों को लेकर पेंच फंस गया है। दरअसल, मांझी जिन सीटों की डिमांड कर रहे हैं वो मगध क्षेत्र में बीजेपी कोटे की हैं। माझी अपनी पार्टी के इकलौते विधायक हैं। उनकी डिमांड पर एनडीए में बातचीत जारी है। 

 

बीजेपी-जेडीयू को बदलना पड़ेगा फॉर्मूला 
मांझी को 12 सीटें मिलेंगी या 15 ये बाद की बात है, लेकिन एक चीज तय है कि बीजेपी-जेडीयू को ही 110-100-33 के फॉर्मूले में कम सीटों पर संतोष करना होगा। 43 सीट की जिद पर अड़े रामविलास पासवान और चिराग 31 से कम पर तो राजी नहीं होंगे। दूसरी बात जेडीयू की वजह से एनडीए में मांझी की एंट्री हो रही है। ऐसे में जेडीयू को अपने कोटे से मांझी को सबसे ज्यादा सीट देनी पड़ सकती है। 

एनडीए में आने के साथ ही रिश्तेदारों की लाइन लगी 
पूर्व मुख्यमंत्री मांझी के एनडीए का हिस्‍सा बनने की चर्चा के साथ ही उनके कई रिश्‍तेदार हम के टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़ना चाहते हैं। टिकट पाने वालों की लंबी कतार है। मांझी की समधन के छोटे बेटे प्रवीण मांझी, समधन ज्योति मांझी और दामाद देवेन्द्र मांझी ने अपनी दावेदारी रख दी है। कई कार्यकर्ता भी टिकट चाहते हैं। ज्योति मांझी पूर्व विधायक हैं। जीतनराम मांझी चुनाव लड़ेंगे या नहीं इसको लेकर भी चीजें साफ नहीं हुई हैं। 

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