विपक्ष की मुहिम पर लग सकती है चोट, भीम आर्मी ने किया 243 सीटों पर लड़ने का ऐलान; बिहार में राजनीति गर्म

चंद्रशेखर आजाद ने कहा कि बिहार में सबसे बड़ी समस्या अत्याचार की है, जिसे दूर करने का बीड़ा भीम आर्मी ने उठाया है। किसी भी अन्य दल से गठबंधन नहीं किया जाएगा। सभी सीटों पर पार्टी अपने उम्मीदवार खड़े करेगी। इस मौके पर आजाद समाज पार्टी की ओर से कमेटी का गठन किया गया। 
 

Asianet News Hindi | Published : Aug 11, 2020 1:08 PM IST / Updated: Aug 11 2020, 06:47 PM IST

पटना (Bihar)। अब बिहार में खुद को 'रावण' कहने वाले चंद्रशेखर आजाद की एंट्री हो गई है। भीम आर्मी के संस्थापक चंद्रशेखर आजाद ने आज पटना में घोषणा करते हुए कहा कि आजाद समाज पार्टी के झंडे तले बिहार की सभी 243 सीटों पर चुनाव लड़ा जाएगा। इसके लिए भीम आर्मी ने कमर कस ली है। बता दें कि भीम आर्मी चीफ के आज के ऐलान के बाद थर्ड फ्रंट की संभावना को एक झटका माना जा सकता है। 

किसी भी दल से गठबंधन न करने का ऐलान
चंद्रशेखर आजाद ने कहा कि बिहार में सबसे बड़ी समस्या अत्याचार की है, जिसे दूर करने का बीड़ा भीम आर्मी ने उठाया है। किसी भी अन्य दल से गठबंधन नहीं किया जाएगा। सभी सीटों पर पार्टी अपने उम्मीदवार खड़े करेगी। इस मौके पर आजाद समाज पार्टी की ओर से कमेटी का गठन किया गया। 

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कौन हैं चंद्रशेखर उर्फ 'रावण' 
साल 2017 में सहारनपुर के शब्बीरपुर गांव में दलितों और सवर्णों के बीच हिंसा की एक घटना हुई। इस हिंसा के दौरान एक संगठन उभरकर सामने आया, जिसका नाम था भीम आर्मी। भीम आर्मी का पूरा नाम 'भारत एकता मिशन भीम आर्मी' है और इसका गठन करीब 6 साल पहले किया गया था। इस संगठन के संस्थापक और अध्यक्ष हैं चंद्रशेखर, जिन्होंने अपना उपनाम 'रावण' रखा हुआ है। पेशे से वकील चंद्रशेखर के परिवार में दो बहनें हैं, जिनमें से एक की शादी हो चुकी है और दो भाई हैं। चंद्रशेखर खुद भी अविवाहित हैं। उनका दूसरा भाई पढ़ाई के साथ-साथ एक मेडिकल स्टोर पर नौकरी करता है। एक चचेरा भाई है, जो इंजीनियर है।

..तो थर्ड फ्रंट की संभावना को लगा झटका 
बिहार में महागठबंधन और एनडीए के बीच मुख्य मुकाबला माना जा रहा है। महागठबंधन में मुख्यत: आरजेडी, कांग्रेस, रालोसपा, हम और वीआईपी शामिल है। वहीं एनडीए में बीजेपी, जेडीयू और एलजेपी है। जबकि असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ने 32 सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। यानी थर्ड फ्रंट की संभावना खुली हुई है। इसमें पप्पू यादव की पार्टी जाप, वामपंथी दलों के अलावा बसपा, सपा के एक साथ आने की संभावना जताई जा रही थी। हालांकि भीम आर्मी चीफ के आज के ऐलान के बाद थर्ड फ्रंट की संभावना को एक झटका जरूर माना जा सकता है।

 

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