
खगड़िया (Bihar) । महिला की डिलवरी के दौरान डॉक्टर की लापरवाही के चलते जच्चा-बच्चा की मौत हो गई। आरोप है कि डॉक्टरों ने प्रसव के दौरान नवजात का गला ही काटकर अलग कर दिया। वहीं, इसे लेकर परिवार के लोगों ने जमकर हंगामा किया। दूसरी ओर एफआईआर दर्ज कर पुलिस ने अस्पताल को ही आज सीज कर दिया है। यह घटना महेशखूंट स्थित टाटा इमरजेंसी हॉस्पिटल की है।
यह है पूरा मामला
पसराहा थाना क्षेत्र के महदीपुर निवासी अमित कुमार की पत्नी चांदनी देवी गर्भवती थी। 11 जनवरी को प्रसव पीड़ा होने पर परिवार के लोग महेशखूंट के टाटा इमरजेंसी हॉस्पिटल में भर्ती कराए। जहां बच्चा उल्टा होने की बात कहते हुए डाक्टर ने सर्जरी कर प्रसव कराने की बात कही। साथ ऑपरेशन के लिए एक लाख रुपए की डिमांड की। जिसपर परिवार के लोग तैयार हो गए।
ऑपरेशन के दौरान काट दिया नवजात का गला
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक टाटा इमरजेंसी हॉस्पिटल में डॉक्टर ने सुबह महिला के प्रसव कराने की बात कही। लेकिन, रात में ही प्रसव पीड़ा बढ़ने पर प्रसव कराया जाने लगा। इस दौरान बच्चा के शरीर का नीचे का भाग बाहर आ गया। ऐसे में सिर बाहर नहीं आने की वजह से नवजात का गला काटकर धड से अलग कर दिया गया।
पेट का ऑपरेशन कर निकाला सिर, महिला की मौत
आरोप है कि बाद में महिला के पेट का ऑपरेशन कर बच्चे का कटा सिर निकाला गया। ऑपरेशन के कुछ देर के बाद ही महिला की भी मौत हो गई। लेकिन, इस बात तो छुपाते हुए डॉक्टरों ने प्रसूता की हालत गंभीर बताकर रेफर कर दिया। परिवार के लोग उसे लेकर बेगूसराय निकले। मगर, रास्ते में देखा कि उसकी मौत हो गई है। परिजनों ने शव को वापस लेकर महेशखूंट स्थित टाटा इमरजेंसी हॉस्पिटल पहुंचे और हंगामा शुरू कर दिया। वहीं, अस्पताल संचालक डॉ प्रियरंजन का कहना है कि आरोप बेबुनियाद है।
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