जीतन राम मांझी फिर बोले- एक बार नहीं हजार बार ब्राह्मणों को अपशब्द कहूंगा, पंडितों की परिभाषा भी बता दी

बुधवार को जीतन राम मांझी यहां बोध गया स्थित अपने फार्म हाउस पहुंचे थे। उन्होंने कहा कि हमने पंडित या ब्राह्मण समाज पर कोई टिप्पणी नहीं की थी। हमने तो वैसे लोगों के लिए अपशब्द का इस्तेमाल किया है, जो गलत ढंग से पूजा-पाठ कराने आते हैं। ऐसे लोगों के लिए एक बार क्या, हजार बार उन्हीं शब्दों का इस्तेमाल करूंगा। 

गया। हिंदुस्तान आवाम मोर्चा (HAM) के अध्यक्ष और बिहार के पूर्व जीतन राम मांझी (Jitan Ram Manjhi) ने एक बार फिर से ब्राह्मणों (Brahmins) पर विवादित बयान दिया है। इस बार मांझी ने ब्राह्मण की परिभाषा बताई और कहा है कि मैं जिनको अपशब्द बोलता हूं वह ब्राह्मण हैं ही नहीं, वो मांस-मछली खाते हैं, शराब पीते हैं, पढ़ते-लिखते नहीं हैं और हर कुकर्म करते रहते हैं, गलत ढंग से हमारे समाज में पूजा-पाठ कराते हैं, ऐसे ब्राह्मणों को मैं एक बार नहीं, हजारों बार अपशब्द कहूंगा। मांझी ने कहा कि जिनके लिए मैंने वो बात कही थी, उस पर कायम हूं।

बुधवार को जीतन राम मांझी यहां बोध गया स्थित अपने फार्म हाउस पहुंचे थे। उन्होंने कहा कि हमने पंडित या ब्राह्मण समाज पर कोई टिप्पणी नहीं की थी। हमने तो वैसे लोगों के लिए अपशब्द का इस्तेमाल किया है, जो गलत ढंग से पूजा-पाठ कराने आते हैं। ऐसे लोगों के लिए एक बार क्या, हजार बार उन्हीं शब्दों का इस्तेमाल करूंगा। उन्होंने अपने बयान को नए अंदाज में पेश किया और कहा कि एक बार नहीं हजार बार उस शब्द को दोहराऊंगा। क्योंकि वह कोई गाली नहीं है। उन्होंने कहा कि मैंने पंडित या ब्राह्मण समाज पर कोई टिप्पणी नहीं की थी। मैंने तो वैसे लोगों के लिए ‘अपशब्द’ का इस्तेमाल किया है, जो गलत ढंग से पूजा-पाठ कराने आते हैं। जिन्हें श्लोक और किताब से कोई मतलब नहीं है। सिर्फ अखबार लेकर पूजा कराते हैं। वैसे लोग अपने आप को पुजारी कहते हैं। वैसे पुजारी के लिए उस शब्द इस्तेमाल किया था।

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दलितों से पूजा के नाम पर पैसे ऐंठने वालों का विरोध
मांझी ने आगे कहा कि ये ऐसे लोग होते हैं, जो मांस खाते हैं, मदिरा पीते हैं और पूजा भी कराने आते हैं। ये अनुसूचित और दलित टोले में जाकर पूजा के नाम पर पैसे लेते हैं। लेकिन, उस घर का खाना तक नहीं खाते हैं और ना ही पानी पीते हैं। 

ब्राह्मणवाद का विरोधी हूं...
मांझी ने कहा कि मैं ब्राह्मण नहीं, बल्कि ब्राह्मणवाद के खिलाफ हूं और आगे भी ऐसे ही रहूंगा। मैं सनातन धर्म को मानता हूं। मैं ब्राह्मणवाद का विरोध करता हूं, चाहे मेरी जान ही क्यों ना चली जाए, मैं डरने वाला नहीं हूं। मैं अपने समाज के लोगों को बताऊंगा कि ऐसे ब्राह्मणवाद से डरने की जरूरत नहीं है। 

नीतीश से है गठबंधन...
जीभ काटने पर 11 लाख रुपए इनाम की बात पर मांझी ने कहा कि इस मुद्दे को हमारे समाज के लोग देखेंगे और मैं इस पर कुछ नहीं कहूंगा। कोई मेरी जीभ काटेगा तो मेरा समाज देखता रहेगा। मैं देखता रहूंगा, मैं डरने वाला नहीं हूं। हालांकि, ये उनका मामला नहीं है बल्कि बीजेपी इस मामले को देखे कि वह उस नेता के साथ क्या करेगी। उन्होंने कहा कि वह इस मामले को लेकर NDA से नहीं जोड़ना चाहते हैं। NDA यानी कि नीतीश कुमार से हमारा गठबंधन है, इसलिए हम घटक दल का हिस्सा हैं। बता दें कि भाजपा ने जीभ काटने की बात कहने वाले नेता को पार्टी से बाहर निकाल दिया है।

इससे पहले क्या कहा था मांझी ने
18 दिसंबर पटना में भुइयां समाज के मंच से जीतन राम मांझी ने ब्राह्मण समाज को लेकर बयान दिया था। उन्होंने ब्राह्मण समाज के लिए गलत भाषा का प्रयोग किया था। उनके इस बयान का वीडियो रविवार को वायरल हो गया। इसमें मांझी कहते नजर आए कि दलित समाज में आज कल सत्य नारायण भगवान की पूजा का प्रचलन काफी तेज हो गया है। जगह-जगह ब्राह्मण जाकर सत्य नारायण भगवान की पूजा कराते हैं। हमारे समाज में ब्राह्मण @#$%... (गाली देकर) जाते हैं। पूजा करवाते हैं, लेकिन खाना नहीं खाते हैं। कहते हैं कि बाबू, सिर्फ पैसा दे दीजिए।

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