काउंसिलिंग के दौरान बच्चे ने मजिस्ट्रेट को बताया, मेरे पिता बस ड्राइवर थे और एक हादसे में उनकी रीढ़ की हड्डी टूट गई जिसके बाद से वो बेड पर ही लेटे रहते हैं।
नालंदा. बिहार के नालंदा की जुवेनाइल कोर्ट (Juvenile court) ने भगवान कृष्ण (Lord Krishna) की बाल लीलाओं का उदाहरण देते हुए एक बच्चे को आरोप मुक्त करते हुए बरी कर दिया। मामला एक बच्चे के मिठाई चोरी का था। बच्चे को मिठाई चोरी के आरोप में कोर्ट में पेश किया गया था। सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा कि अगर माखन चुराना बाल लीला है तो मिठाई की चोरी अपराध कैसे हो सकता है।
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जुवेनाइल के चीफ मजिस्ट्रेट मानवेंद्र मिश्र ने कहा, ‘हमें बच्चों के मामले में सहिष्णु और सहनशील होना पड़ेगा। उनकी कुछ गलतियों को समझना पड़ेगा कि आखिर बच्चे में भटकाव किन परिस्थितियों में आया। उन्होंने कहा- ‘हमारी सनातन संस्कृति में भगवान की बाल लीला को दर्शाया गया है। भगवान कृष्ण कई बार दूसरे के घर से माखन चुराकर खा लेते थे और मटकी भी फोड़ देते थे। अगर आज के समाज जैसा तब का समाज होता तो बाल लीला की कथा ही नहीं होती।
परिवार में गरीबी
काउंसिलिंग के दौरान बच्चे ने मजिस्ट्रेट को बताया, मेरे पिता बस ड्राइवर थे और एक हादसे में उनकी रीढ़ की हड्डी टूट गई जिसके बाद से वो बेड पर ही लेटे रहते हैं। मेरी मां मानसिक रूप से बीमार है। परिवार में कमाने वाला कोई नहीं है मेरे नाना औऱ मामा की मौत हो गई है नानी बहुत बुजुर्ग है। बच्चे ने जज से कहा- अब मैं आगे से ऐसा नहीं करूंगा।
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क्या है मामला
मामला नालंदा जिले के हरनौत थाना क्षेत्र का है। आरोपी बच्चा अपने नाना के घर आया हुआ था। मूल रूप से वो बिहार का रहने वाला है। बच्चे को भूख लगी थी और वह अपनी भूख मिटाने के लिए अपनी पड़ोसी की मामी के घर में जाकर फ्रीज में रखी सारी मिठाई खा ली और वहां रखा मोबाइल अपने साथ ले गया। जब बच्चा मोबाइल पर गेम खेल रहा था तभी मामी आ गई औऱ उसने बच्चे की शिकायत करते हुए उसे पुलिस के हवाले कर दिया।
पुलिस को भी लगाई फटकार
इस मामले में पुलिस ने बच्चे के खिलाफ FIR भी दर्ज कर ली। पुलिस द्वारा केस दर्ज करने पर कोर्ट ने फटकार लगाते हुए कहा कि पुलिस को बिहार किशोर न्याय अधिनियम 2017 के तहत को इस मामले में FIR लिखने की जगह पर इसे केस डेली जनरल डायरी में दर्ज करना चाहिए था।