होली के मौके पर नवादा और बेगूसराय में कई लोगों ने अवैध शराब का सेवन किया था। जिसके बाद वह बीमार पड़ गए और उनको अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। जिसके बाद 31 मार्च को नौ , 1 अप्रैल को तीन और 2 अप्रैल को चार लोगों ने दम तोड़ दिया।
पटना. बिहार में शराबबंदी के बाद भी अवैध शराब के पीने से मरने वालों का सिलसिला जारी है। पिछले 24 घंटे में 4 और लोगों की मौत हो गई। इस तरह अब तक राज्य में मौत का आंकड़ा 16 तक पहुंच गया है। विपक्षी दल रोज इस मुद्दे पर हंगामा कर रहे हैं, लेकिन शराबबंदी करने वाले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का कोई भी बयान सामने नहीं आया है।
होली 'सेलिब्रेट' करना पड़ा महंगा...
दरअसल, होली के मौके पर नवादा और बेगूसराय में कई लोगों ने अवैध शराब का सेवन किया था। जिसके बाद वह बीमार पड़ गए और उनको अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। जिसके बाद 31 मार्च को नौ , 1 अप्रैल को तीन और 2 अप्रैल को चार लोगों ने दम तोड़ दिया। वहीं कई लोग अभी गंभीर रुप से बीमार हैं, एक की तो आंखों की रोशनी चली गई।
प्रशासन ने जांच के लिए SIT का किया गठन
नवादा-बेगूसराय और पटना में शराब से लोगों की मौत पर तीन दिन बाद जिला प्रशासन ने जांच के लिए SIT का गठन किया है। साथ ही शराब को लेकर छापेमारी तेज कर दी गई है। कई थानों की पुलिस और आबकारी विभाग की टीम छापेमारी कर रही है।
'सिर्फ चुनाव जीतने के लिए राज्य में शराबबंदी'
अब ऐसे में सवाल खड़े होने लगे हैं कि क्या सीएम ने सिर्फ चुनाव जीतने के लिए राज्य में शराबबंदी कर रखी थी। वहीं विपक्षी दल सरकार को लेकर दवाब बना रहे हैं। RJD नेता तेजस्वी यादव लगातार सीएम पर निशाना साध रहे हैं। उन्होंने आरोपी को गिरफ्तार और मृतकों के परिजनों को 20-20 लाख रुपये मुआवजा दिए जाने की मांग की है।
प्रशासन बीमारी बता रहा मौत का कारण
नवादा प्रशासन का कहना है कि उसके पास 10 लोगों की मरने की सूची है। बाकी के लोग बीमारियों से मरे होंगे। जिसकी पुष्टि जिला प्रशासन नहीं कर रहा है। DM यशपाल मीणा का कहना है कि सभी मरने वालों का अंतिम संस्कार कर बिना सूचना दिए कर दिया गया है। 10 लोगों के पोस्टमार्टम कराया गय है जिनकी जांच में शराब पाई गई।