पटना के कोतवाली क्षेत्र में लॉकेट की चोरी हुई थी। उसी की जांच करने के लिए पुलिस यहां पहुंची थी। लेकिन पुलिस को जो मिला वो हैरान कर देने वाला था। यहां से उसे 44 पैकेट ब्लड मिला जो घरेलू फ्रीज में रखा था।
पटना. बिहार की राजधानी पटना के कोतवाली थाना क्षेत्र चोर को पकड़ने गई पुलिस को बड़ी सफलता मिली। पुलिस लॉकेट चोरी करने वाले गिरोह को पकड़ने गई लेकिन आरोपी के घर पर जो मिला उसे देख पुलिस के होश उड़ गए। छापेमारी के दौरान पुलिस को आरोपी के घर से 44 पैकेट खून बरामद किए। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग को सूचना दी गई। पुलिस और स्वास्थ्य विभाग ने मिलकर दो लोगों को पकड़ा है। उनसे पूछताछ की जा रही है। पूछताछ के दौरान अजय ने बताया कि अभी तक उन दोनों ने मिलकर 200 पैकेट ब्लड भेज दी है और साथ ही ब्लड निकालने और चढ़ाने से पहले कोई जांच नहीं कराई जाती थी। ऐसे में ब्लड चढ़ाने के बाद मरीजों को बड़े खतरे की आशंका है।
कैसे पकड़े गए आरोपी
पटना के कोतवाली क्षेत्र में लॉकेट की चोरी हुई थी। जांच में जुटी पुलिस ने जब पत्रकार नगर थाना क्षेत्र में संतोष कुमार के घर गिरफ्तारी करने पहुंची तो छापेमारी के दौरान उसके घर से लॉकेट और कई आभूषण बरामद किए। साथ ही जब पुलिस ने आरोपी का फ्रिज खोला तो पुलिसकर्मियों के होश उड़ गए। फ्रीज में 44 पैकेट ब्लड रखा था। पुलिस ने तत्काल इसकी सूचना अफसरों को दी जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम जांच पड़ताल में जुट गई। आपको बता दें कि पुलिस और स्वास्थ्य विभाग की टीम ने संतोष के साथ अजय कुमार द्विवेदी को भी पकड़ा है। फिलहाल स्वास्थ्य विभाग की टीम 44 पैकेट खून की जांच कर रही है।
कैसे चलता था यह कालाबाजारी
पुलिस की गिरफ्त में आए दोनों आरोपी अजय और संतोष मिलकर रैकेट चला रहे थे। दोनों खून की कालाबाजारी कर रहे थे। अजय द्विवेदी वैशाली का रहने वाला है और संतोष जमुई का। अजय का काम स्मैकर्स को पकड़ कर लाना और खून निकलवाना था। इसके लिए उसे एक केस में 1000 रुपए मिलता था। संतोष पटना के कंकड़बाग स्थित निवेदा ब्लड सेंटर पर लैब टेक्नीशियन का काम करता था और घर पर खून का कारोबार करता था। वह ब्लड कलेक्शन के बाद अपने किराए के कमरे में घरेलू फ्रिज में रखता था। वह जरूरत के हिसाब से ब्लड को 5 से 10 हजार रुपए में बेचता था।
जांच में जुटी 3 मेंबर की टीम
ड्रग्स इंस्पेक्टर यशवंत कुमार झा के नेतृत्व में जाचं के लिए तीन सदस्यीय टीम का गठन किया गया है। जिसमें डीआई पंकज कुमार और डीआई मनोज कुमार को शामिल किया गया है। यह टीम ब्लड सेंटर से लेकर ब्लड बैंक बेचने वाली एजेंसी की जांच करेगी।
200 पैकेट ब्लड की हो चुकी है सप्लाई
डीआई यशवंत कुमार झा ने बताया है कि ब्लड को दो से 3 डिग्री तापमान में रखा जाता है। और और बार-बार तापमान की मॉनिटरिंग करनी होती है। इतना ही नहीं ब्लड को घरेलू फ्रिज में रखा ही नहीं जाता है। इसके लिए विशेष प्रकार का डी फ्रिज आता है लेकिन इसे घरेलू फ्रिज में सब्जी रखने वाली जगह पर रखा गया था। बेड पर ना तो कलेक्शन का डेट था और ना ही एक्सपायरी डेट दी गई थी। पकड़े गए धंधे बाजू में से संतोष के पास से निवेदक ब्लड बैंक का आईडी मिला है, जिससे यह खुलासा हुआ है कि वह वहां लैब टेक्नीशियन का काम करता था। डीआई का कहना है कि जिस तरह का ब्लड बरामद हुआ है। उस तरह के लगभग 216 पैकेट उसने भेज दिया है। साथ ही संतोष ने यह बताया है कि वह निवेदा ब्लड सेंटर से 250 खाली बैग लाया था, जिनमें से उसके पास मात्र 44 पैकेट ही बचे हैं। बाकी बच्चे बागों में वह खून भेज चुका है।
ब्लड बैंक से ब्लड लेने से पहले इन बातों का रखें ध्यान
अगर आप ब्लड बैंक से ब्लड लेते हैं तो सबसे पहले यह देखिए कि ब्लड डी फ्रिज में रखा गया है कि नहीं। साथी उसमें एक्सपायरी डेट का मेंशन जरूर होना चाहिए। आपको बता दें कि डी फ्रिज में होने के बावजूद भी ब्लड की लाइफ 30 दिन तक ही रहती है। साथ ही बैग पर कनेक्शन और एक्सपायरी डेट के साथ डोनर की भी पूरी डिटेल होनी चाहिए।
छोटी सी लापरवाही पढ़ सकती है महंगी
ऐसे ब्लड बैग ना ले जिनमें एक्सपायरी डेट का मेंशन ना किया हो। क्योंकि ऐसे ब्लड लेने से आपको हार्ड फेल का खतरा, लकवा मारने का खतरा, ब्रेन स्ट्रोक, जैसे जानलेवा बीमारियों का सामना करना पड़ सकता है।
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