बिहार में बीजेपी दफ्तर के बाहर बवाल, प्रोटेस्ट कर रहे वार्ड सचिवों को पुलिस ने दौड़ा-दौड़ा कर पीटा

पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प के बाद पूरे इलाके में हड़कंप मच गया। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा। प्रदर्शनकारियों ने भी जमकर बवाल काटा। इस झड़प में कई पुलिसकर्मियों को भी चोटें आई हैं। पथराव में कई गाड़ियों के शीशे फूट गए हैं।

Asianet News Hindi | Published : Dec 27, 2021 12:23 PM IST / Updated: Dec 27 2021, 06:00 PM IST

पटना : बिहार (Bihar) की राजधानी पटना (Patna) में सोमवार को जमकर बवाल हुआ। वेतन की मांग को लेकर वार्ड सचिवों ने बीजेपी दफ्तर का घेराव किया। इस दौरान वहां भारी पुलिसबल तैनात रहा। देखते ही देखते वार्ड सचिवों और पुलिस के बीच भिड़ंत हो गई। जिसके बाद पुलिस ने उनपर जमकर लाठियां भांजी। पुलिस ने भीड़ हटाने के लिए वाटर कैनन और आंसू गैस का भी इस्तेमाल किया। वहीं, प्रोटेस्ट कर रहे वार्ड सचिवों ने भी पुलिस की गाड़ियों पर पथराव किया।

कई पुलिसकर्मी और वार्ड सचिव घायल
पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प के बाद पूरे इलाके में हड़कंप मच गया। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा। प्रदर्शनकारियों ने भी जमकर बवाल काटा। इस झड़प में कई पुलिसकर्मियों को भी चोटें आई हैं। पथराव में कई गाड़ियों के शीशे फूट गए हैं। वहीं मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ASI उमाकांत प्रसाद को भीड़ ने घेरकर उनकी जमकर पिटाई की है। अपनी जान बचाने केलिए उन्हें पिस्टल तक निकालनी पड़ी, जिसके बाद बैकअप में पुलिस ने उन्हें किसी तरह बचाया।

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क्या है पूरा मामला
दरअसल, सोमवार सुबह से ही प्रदर्शनकारियों ने बीजेपी दफ्तर के बाहर इकट्ठा होना शुरू कर दिया था। प्रशासन भी सुबह से ही प्रदर्शनकारियों से बीजेपी दफ्तर के सामने से हटने के लिए कह रहा था। लेकिन वार्ड सचिव अपनी मांगों पर अड़े रहे। प्रदर्शनकारियों के जमा होने के बाद हंगामा शुरू कर दिया और बाद में पत्थरबाजी भी की। इस पत्थरबाजी में सड़क पर खड़ी कुछ गाड़ियां भी क्षतिग्रस्त हो गई थीं। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि वह लंबे समय से सरकार से सैलरी की मांग कर रहे हैं। पहले वह गरदली बाग मे थे, लेकिन सरकार उनके ऊपर ध्यान नहीं दे रही थी। यही वजह है कि उन्होंने अपनी मांगों को सत्तारूढ़ बीजेपी (BJP) तक ले जाने का फैसला किया था और दफ्तर का घेराव शुरू किया था। लेकिन पुलिस की कार्रवाई के बाद भी भीड़ नहीं हटी तो वॉटर कैनन का इस्तेमाल किया गया।

दो साल में नहीं मिला वेतन
बता दें कि वार्ड सचिव को 7 निश्चय योजना के तहत 'गली-नली और नल-जल योजना' में नौकरी दी गई है। इस योजना में बिहार के 1 लाख 14 हजार 691 वार्ड सचिवों को काम पर रखा गया है। लेकिन लगातार काम करने के बाद भी उन्हें कोई भुगतान नहीं किया गया। इसको लेकर राज्य के 38 जिलों के वार्ड सचिव और कर्मचारी गर्दनीबाग के महिला थाना में 13 दिनों से लगातार धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं। इधर 13 दिसंबर को बिहार सरकार द्वारा जारी एक पत्र में कहा गया कि पुराने सभी वार्ड सचिव को हटाकर नए वार्ड सचिवों को नियुक्त किया जाए, इसके बाद ये अपनी मांगों को लेकर बीजेपी कार्यालय के सामने जमा हो गए और उसके बाद ये स्थिति हुई, जिससे तनाव उत्पन्न हो गया।

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