
मुजफ्फरपुर। बिहार के मुजफ्फरपुर लोकसभा सीट से बीजेपी सांसद अजय निषाद ने एक बयान पर राजनीतिक रूप से विवादित हो सकता है। निषाद ने कहा कि मदरसों में नफरत का पाठ पढ़ाया जाता है। इसलिए देश भर के मदरसों को बंद कर देना चाहिए। उन्होंने मदरसों को बंद कर पूरे देश में "वन नेशन वन एजुकेशन" पॉलिसी के तहत सामान्य स्कूल खोले जाने की वकालत की।
सांसद ने कहा कि मदरसों में पढ़ने वाले छात्र देश के विकास में अपना योगदान नहीं दे सकते। क्योंकि वहां आज भी धार्मिक शिक्षा दी जाती है। सांसद ने दो-टूक कहा कि मदरसों में भोले-भाले बच्चों को नफरत का पाठ पढ़ाया जाता है। लिहाजा मदरसों को बंद कर सामान्य स्कूलों में सभी बच्चों को पढ़ाया जाना चाहिए।
तब्लीगी जमाती को कह चुके हैं आतंकी
उल्लेखनीय है कि इससे पहले भी अजय निषाद धर्म विशेष के खिलाफ विवादित बयान दे चुके हैं। कुछ ही दिनों पहले उन्होंने तब्लीगी जमाती को आतंकी कहा था। सांसद ने 11 मई को दिए बयान में कहा था कि तब्लीगी जमातीयों ने देश भर में कोरोना वायरस को फैलाकर स्वास्थ्य व्यवस्था को क्रिटिकल बना दिया है। उन्होंने जमात में शामिल लोगों को आतंकी बताते हुए सजा देने की मांग भी की थी। तब भाजपा सांसद के इस बयान पर जमकर हंगामा मचा था। तब्लीगी जमात को आतंकी बताने वाले बयान पर उनके खिलाफ मुजफ्फरपुर कोर्ट में चार-चार केस दर्ज किए गए थे।
बयान पर कायम हैं निषाद
हालांकि पूर्व केंद्रीय मंत्री जयनारायण निषाद के पुत्र और बीते दो बार से मुजफ्फरपुर लोकसभा सीट से सांसद अजय निषाद अब भी पूर्व में दिए अपने बयान पर काबिज हैं। उन्होंने कहा कि मुझे मुकदमों से कोई डर नहीं है। मैं अपने पहले के बयान के साथ-साथ आज के बयान पर काबिज हूं। मदरसे की पढ़ाई से मुस्लिम समाज का कभी भला नहीं हो सकता। क्योंकि मदरसों में पढ़ाई के नाम पर कट्टरपंथी तैयार करने का काम किया जा रहा है।
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